मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना माना है। नार्वेकर ने कहा, शिंदे गुट की तरफ से जो व्हिप जारी होगा, वो सबके लिए लागू होगी।
शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के लिए नार्वेकर को विपक्ष, खासकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) की ओर से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। ठाकरे ने फैसले को लोकतंत्र की हत्या करार दिया गया है और कहा है कि उनकी पार्टी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
‘एक पार्टी के दो व्हीप नहीं हो सकते’
नार्वेकर ने कहा, “मुझे यह तय करना था कि विधायिका में दोनों समूहों में से कौन-सा मूल राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व करता है। किसी भी पार्टी के पास दो व्हिप नहीं हो सकते। इसलिए अन्य समूह के विधायकों को मेरे द्वारा मान्यता प्राप्त व्हिप का पालन करना होगा।” व्हिप पार्टी विधायकों के लिए बाध्यकारी है, ऐसा न करने पर उन्हें अयोग्य ठहराया जा सकता है।
अयोग्यता याचिकाओं पर दिया आदेश
यह पूछे जाने पर कि क्या गोगावले का व्हिप ठाकरे खेमे पर लागू होगा, नार्वेकर ने कहा, “ठाकरे खेमे के विधायक जिस विधायक दल के हैं, उसका व्हिप उन पर लागू होगा।” नार्वेकर ने बुधवार को शिवसेना विधायकों से संबंधित अयोग्यता याचिकाओं पर अपना आदेश दिया। उन्होंने शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी को वास्तविक राजनीतिक दल और गोगावले को पार्टी सचेतक के रूप में मान्यता दी।
कार्यालय को अब तक नहीं मिली सूचना
नार्वेकर ने कहा कि राज्य विधानमंडल के नियमों के अनुसार, किसी राजनीतिक दल को विधायक दल के रूप में मान्यता मिलने के बाद, उसे 30 दिनों में अपने संविधान और संगठनात्मक ढांचे की एक प्रति स्पीकर के कार्यालय में जमा करनी होती है। नार्वेकर ने कहा, “लेकिन दुर्भाग्य से, न तो उद्धव ठाकरे और न ही एकनाथ शिंदे ने स्पीकर के कार्यालय को इसकी सूचना दी।”