- कारगिल विजय दिवस: कारगिल युद्ध में संघर्ष विराम से पहले भारत सरकार को पाकिस्तान के क्षेत्रों पर कब्जे की इजाजत दे देनी चाहिए थी. पाकिस्तान के क्षेत्रों पर कब्जा ना करने का अफसोस जताते हुए उस वक्त के आर्मी चीफ रहे जनरल वीपी सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से लंबी बातचीत की.
इस बातचीत में उस वक्त के हालात, अब की स्थिति और उस लड़ाई से मिली सीख पर विस्तार से चर्चा की है. वीपी मलिक ने यह भी बताया कि ऐसी कौन सी वजह थी जिसके कारण भारत ने इस जंग में जीत हासिल की. इस युद्ध ने भारत और पाकिस्तान के रिश्ते पर गहरा असर डाला.
ऑपरेशन विजय सटीक राजनीतिक रणनीति, सेना और कूटनीतिक रणनीति का नतीजा थी.पाकिस्तान असफल रहा क्योंकि उसने सेना से ज्यादा राजनीति को ज्यादा महत्व दिया.हमें उन्हें ट्रेक करने और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में थोड़ा समय लगा लेकिन हम सफल रहे. हमारी रणनीति सही थी. उन्होंने कहा, खुफिया तंत्र और सर्विलांस के फेल्योर की वजह से सरकार के अंदर घुसपैठियों की पहचान को लेकर काफी भ्रम की स्थिति थी.
इस लड़ाई ने कई तरह की सीख दी भारत ने खुफिया जानकारी तंत्र को इसके बाद मजबूत किया. हथियार, तकनीक सहित कई क्षेत्रों में अपग्रेड किया गया. इस लड़ाई से भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते पर भी असर पड़ा उस वक्त के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नवाज शरीफ को कहा था कि आपने पीठ में छुरा घोंप दिया. भारत इस युद्ध के बाद यह समझ सका कि पाकिस्तान किसी भी समझौते को तोड़ सकता है.