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इसरो जासूसी मामले में दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करे सीबीआइ, सुप्रीम कोर्ट नहीं करेगा निगरानी


  • नई दिल्ली। इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को कहा कि वो इस मामले में जांच पूरी कर कानून के मुताबिक कार्रवाई करे। जब प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है तो कानून अपना काम करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सीबीआइ अपनी जांच करे और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे, ये जांच और कानूनी कार्रवाई अपनी एफआइआर और जांच के आधार पर हो।

इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एएम खानविलकर और संजीव खन्ना की पीठ ने कहा, ‘वे (सीबीआइ) केवल रिपोर्ट के आधार पर आपके (आरोपी) के खिलाफ आगे नहीं बढ़ सकते। उन्हें जांच करनी है, सामग्री एकत्र करनी है और फिर कानून के अनुसार आगे बढ़ना है। अंतत: जांच ही की जाएगी। रिपोर्ट आपके अभियोजन का आधार नहीं हो सकती है।’

पीठ ने सुनवाई के दौरान यह बात तब कही जब एक आरोपी की ओर से पेश हुए एक वकील ने अनुरोध किया कि समिति की रिपोर्ट उनके साथ साझा की जाए, क्योंकि सीबीआइ ने इस पर बहुत भरोसा किया है। रिपोर्ट पर कुछ भी चालू नहीं होगा। रिपोर्ट केवल एक प्रारंभिक जानकारी है। अंतत: सीबीआइ जांच करेगी, जिसके परिणाम होंगे।

शुरुआत में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआइ द्वारा दर्ज प्राथमिकी में रिपोर्ट का सार है। पीठ ने कहा कि रिपोर्ट कहती है कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, लेकिन इसे वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है। जिसपर मेहता ने कहा कि मामले में दर्ज प्राथमिकी संबंधित अदालत में दायर की गई है और अगर अदालत अनुमति देती है तो इसे दिन के दौरान वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है।