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Delhi हाईकोर्ट ने एनआईए को जारी किया नोटिस, जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों को सुनाई थी उम्र कैद की सजा


एजेंसी। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के चार सदस्यों द्वारा दायर अपील पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को नोटिस जारी किया है। उन्होंने ट्रायल कोर्ट द्वारा नवंबर, 2022 में दी गई अपनी सजा की चुनौती दी है।

जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की पीठ ने एनआईए को नोटिस जारी कर चार हफ्तों के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अब इस मामले की सुनवाई 24 मार्च, 2023 को होगी।

एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अपीलकर्ताओं हवाले से कहा कि आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट के सामने अपना दोषी कबूल कर लिया है।पिछले साल नवंबर में दिल्ली स्थित एनआईए की एक विशेष अदालत के न्यायाधीश शैलेंद मलिक ने भारत में आतंकी गतिविधियों और युवाओं को भर्ती करने, प्रशिक्षण करने के लिए दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जबकि एक अन्य दोषी तनवीर अहमद गनी को भी कई धाराओं के तहत 5 साल की सश्रम सजा सुनाई थी। एनआईए के विशेष न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि सभी दोषी भारत के खिलाफ युद्ध छेडने के लिए एक-दूसरे के साथ साजिश बना रहे थे।

उन्होंने कहा था कि जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूतों में यह सामने आया कि आरोपी व्यक्ति और अन्य संदिग्ध जैश में शामिल हो गए थे जोकि एक आतंकवादी संगठन है, जिसका प्रमुख पाकिस्तान में मौजूद मौलाना मसूद अजहर है, जो अक्सर कश्मीर, पंजाब के क्षेत्र में सक्रिय है।

समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जांच के दौरान यह भी खुलासा किया गया था कि सज्जाद अहमद खान और उसका भाई भी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। यह दोनों भाई आतंकी संगठन के सदस्य हैं और इन्हें दिल्ली के कई इलाकों को पहचान करने के लिए भेजा गया था।

आपको बात दें कि जैश-ए-मोहम्मद एक पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन है, जोकि पाकिस्तान में भी अपनी गतिविधियों के चलते प्रतिबंधित है। साल 2000 में अपनी स्थापना के बाद से ही यह संगठन दुनिया भर के कई देशों में आतंकी घटनाओं को अंजाम दे चुका है।