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केंद्रीय आपराधिक कानूनों की समीक्षा के लिए गठित समिति को कैबिनेट की मंजूरी, तीन महीने में सौंपेगी अपनी रिपोर्ट


कोलकाता। केंद्र सरकार द्वारा एक जुलाई से देश में लागू किए गए तीन नए आपराधिक कानूनों की समीक्षा के लिए बंगाल सरकार द्वारा सात सदस्यीय एक विशेष समिति के गठन के निर्णय को मंगलवार राज्य मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की औपचारिक मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में विधानसभा में हुई बैठक में इसको मंजूरी दी गई। बैठक के बाद वित्त राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने इसकी जानकारी दी।

इस विशेष समिति के गठन को लेकर पिछले सप्ताह ही राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की गई थी। समिति तीनों नए कानूनों का अध्ययन करके तीन महीने में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही यह तय होगा कि नए कानून राज्य में लागू किए जाएं या नहीं।

बंगाल सरकार ने केंद्र सरकार के सामने उठाए मुद्दे

सात सदस्यीय समिति में कलकत्ता हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश असीम कुमार राय, श्रम मंत्री मलय घटक, वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, महाधिवक्ता किशोर दत्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता संजय बसु, पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार और कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल शामिल हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि तीन नए कानूनों को लागू करने से पहले बंगाल सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष कुछ मुद्दे उठाए थे, जिन पर केंद्र ने गौर नहीं किया।

राज्य सरकार एक समिति का कर सकती है गठन

तीनों कानूनों के महत्व और व्यापक निहितार्थ को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार एक समिति का गठन करना आवश्यक समझती है। बता दें कि ब्रिटिश काल से चले आ रहे तीनों पुराने आपराधिक कानूनों को खत्म करके केंद्र सरकार ने तीन नए आपराधिक कानून लागू किए थे। ये कानून एक जुलाई, 2024 से लागू हुए हैं। तीन नए कानूनों में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल है।