- नई दिल्ली । भारत में कोरोना की दूसरी लहर अब गिरावट की ओर है। इस दौरान मामले 4 लाख से घटकर अब 2.67 लाख पर आ गए हैं। जानकारों की मानें तो यदि गिरावट का यही दौर जारी रहा और सब कुछ ठीक रहा तो एक सप्ताह के अंदर ये लहर चली जाएगी। आपको बता दें कि भारत में आई दूसरी लहर का प्रकोप पहले की तुलना में तीन गुना अधिक था। पहली लहर के दौरान भारत में सितंबर में एक दिन में अधिकतम 97 हजार मामले सामने आए थे।
दूसरी लहर में लगातार गिरावट आने के बाद भी जानकार इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं कि खतरा टल गया है। इस बीच कोरोना महामारी की तीसरी लहर की भी आशंका लगातार बनी हुई है। बहरहाल, तीसरी लहर को देखते हुए भी राज्य और केंद्र सरकार ने अपनी तैयारियों को अधिक मजबूती के साथ करने में कमर कस ली है। वहीं दूसरी लहर में आ रही गिरावट की वजह भी केंद्र और राज्यों के लिए गए कई ऐसे फैसले रहे हैं जिनकी बदौलत ऐसा संभव हो सका है।
आपको यहां पर ये याद दिलाना जरूरी हो जाता है कि कुछ समय पहले ही केंद्र ने राज्यों को ये अधिकार दिया था कि वो महामारी को देखते हुए अपने यहां पर किसी भी स्तर पर कदम उठा सकते हैं। राज्यों ने इस अधिकार का भलीभांति उपयोग इस दौर में किया है। राज्यों ने इसके तहत जिलाधिकारियों को ये अधिकार दिया कि वो अपने स्तर पर कोरोना संक्रमण के मामले देखते हुए आंशिक या पूर्ण लॉकडाउन तक लगाने का फैसला ले सकते हैं। ऐसा हुआ भी। महाराष्ट्र में इस तरह की चीजें देखने को मिली जहां पर जिला स्तरीय लॉकडाउन लगाया गया। इसके अलावा इसी तरह से कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में भी इसको अपनाया गया।
केंद्र सरकार की ही बात करें तो इस दौर में प्रधानमंत्री ने लगातार महामारी का जायजा लिया और राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत जरूरत पड़ने पर महामारी से अधिक प्रभावित जिलों के डीएम तक से सीधी बातचीत की। उन्होंने कहा कि यदि उनका जिला इस महामारी पर काबू पाने में सफल हो सका तो उनकी बदौलत इस महामारी पर देशभर में विजय पाई जा सकेगी। इसके अलावा केंद्र की तरफ से समय समय पर दिशा-निर्देश भी राज्यों को दिए जाते रहे।
सरकार ने नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन की उस सलाह को भी माना जिसमें उन्होंने कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच 3-4 माह का अंतर करने की बात कही गई थी। केंद्र सरकार ने कोरोना की विकराल होती दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद की और मरीजों को इसको उपलब्ध करवाया। केंद्र सरकार ने आक्सीजन की कमी से हो रही मौतों के बीच हर संभव उपाय करे जिसकी बदौलत करोड़ों लोगों के जीवन को बचाया जा सका। केंद्र की तरफ से राज्यों को आक्सीजन सप्लाई के लिए रेलवे की मदद ली गई। विदेशों से दी गई मदद को तुरंत अस्पतालों को मुहैया करवाया गया।