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‘कोई भी परीक्षा हो, आसानी से पास करा दूंगा’, वायरल वीडियो में सुभासपा विधायक बेदी राम का दावा –


 गाजीपुर। जखनियां विधानसभा से सुभासपा विधायक बेदी राम का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह राजस्थान, मध्यप्रदेश, तेलंगाना सहित कई राज्यों में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में एक साथ कई परीक्षार्थियों को पास कराने का दावा कर रहे हैं। एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में एक व्यक्ति ने विधायक का नाम लिया है। विधायक से बातचीत का भी वीडियो वायरल हो रहा। हालांकि, दैनिक जागरण इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

वीडियो वायरल होने के 24 घंटे बाद भी न तो सुभासपा प्रमुख और न ही किसी जिम्मेदार पदाधिकारी का इसे लेकर कोई बयान आया है। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-सुभासपा गठबंधन होने पर सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने जौनपुर के सुसिया निवासी बेदी राम को जखनियां से प्रत्याशी बनाया। बेदी राम विधायक बन गए। वह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के करीबी माने जाते हैं।

बेदी राम का है परीक्षाओं में सेंधमारी का पुराना रिकॉर्ड

वायरल वीडियो को लेकर बेदी राम का पक्ष जानने के लिए उन्हें कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया। उनके प्रतिनिधि ने एक बार फोन उठाया, लेकिन बाद में स्विच ऑफ कर दिया। विधायक बेदी राम का परीक्षाओं में सेंधमारी का पुराना रिकॉर्ड रहा है। बेदी राम का नाम रेलवे, मेडकिल और कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक करने में आ चुका था।

एसटीएफ की पूछताछ में कई राज आए थे सामने

एसटीएफ ने रेलवे भर्ती पेपर लीक मामले में उन्हें 2014 में लखनऊ में गिरफ्तार कर पूछताछ की तो कई राज सामने आए थे। सीपीएमटी-2014 की प्रवेश परीक्षा के पेपर लीक मामले में भी उनका नाम आया था। मध्य प्रदेश में भी दो मामलों में वांछित रहे हैं। इनके खिलाफ प्रयागराज में मुकदमा दर्ज है।

कांग्रेस ने पीएम और यूपी के सीएम पर साधा न‍िशाना

कांग्रेस ने बेदी राम का वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने एक्स हैंडल पर लिखा है कि भाजपा के सहयोगी दल सुभासपा के विधायक बेदी राम नीट (यूजी) का पेपर आउट कराने का सरगना है। इनका काम देशभर में पेपर लीक कराकर पैसा कमाना है। वह पहले भी पेपर आउट कराने के मामले में जेल गए हैं। विधायक सत्ता में होने का रौब भी जमाता है। कांग्रेस ने सवाल किया कि पेपर लीक का पता होने के बावजूद विधायक को एनडीए गठबंधन में क्यों रखा गया।