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क्या आप मानते हैं कि देश की सभी समस्याओं का हल भारत के संविधान में है?


नई दिल्ली, । देश को चलाने के लिए संविधान जरूरी है। यह न केवल सरकार की रचना बल्कि मनमानी शासन को रोकने में अपनी अहम भूमिका निभाता है, बल्कि यह देश के अंदर लोगों के अधिकारों की रक्षा करता है और उनके मौलिक कर्तव्यों के बारे में भी बताता है। सत्ता में बैठे लोग जिनका मकसद जनता की सेवा करना है, वे संविधान के प्रति जवाबदेह हैं, जबकि इसकी रक्षा के लिए देश के सर्वोच्च न्यायालय को अधिकार दिए गए हैं। ऐसे में संविधान दिवस के दिन आपकी बात का सबसे सामने आना बेहद ज़रूरी है और आप स्वदेशी सोशल मीडिया ऐप Koo पर इस संबंध में अपनी राय ज़रूर रखें।

भारत का संविधान भारत का एक सुप्रीम लॉ

26 नवंबर को भारत में ‘संविधान दिवस’ मनाया जाता है। आज ही के दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ। भारत का संविधान भारत का एक सुप्रीम लॉ है, जो सरकारी संस्थानों की मौलिक राजनीतिक संहिता, संरचना, प्रक्रियाओं, शक्तियों और कर्तव्यों का सीमांकन करता है और मौलिक अधिकारों, निर्देशक सिद्धांतों और नागरिकों के कर्तव्यों को निर्धारित करता है। संविधान निर्माताओं द्वारा जब भारत के संविधान को अस्तित्व में लाया गया, तो इसके पीछे का मकसद यह था कि एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण किया जाए, जो पूरी तरह से लोकतांत्रिक हो तथा लोगों के अधिकारों के बारे में बात करता हो।

दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान

भारतीय संविधान दुनिया के सबसे अच्छे संविधानों में से एक है। भारतीय संविधान की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इस संविधान को भारत की जनता ने बनाया है और इसमें अंतिम शक्ति जनता को दी गई है। यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसमें विश्व के कई देशों से अलग-अलग और सर्वश्रेष्ठ कानूनी प्रावधान, नियम, व्यवस्था और अधिकार शामिल किए गए हैं। भारतीय संविधान अच्छा इसलिए है, क्योंकि यह संप्रभुता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक गणराज्य, नागरिकों को न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व की बात करता है। इसे जाने बिना और इसे आत्मसात किए बिना हर वर्ग का सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक विकास संभव नहीं है। इसलिए यह जरूरी है कि लोग देश के संविधान के बारे में जानें, अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानें।

जीवन जीने का एक माध्यम है भारतीय संविधान

भारतीय संविधान को बनाने में डॉ. भीमराव आंबेडकर ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इनकी एक बात हर भारतीयों को याद रखना चाहिए, जहां वह कहते हैं, “संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है, बल्कि जीवन जीने का एक माध्यम है।” आज भी ऐसे कई वर्ग हैं, जो संविधान में दिए नागरिक अधिकारों से अंजान है। जरूरत है कि ये लोग अपने संविधान के बारे में जानें और अपने अधिकारों की बात करें, ताकि हम समान तरीके से आगे बढ़ें और असमानता को दूर किया जा सके।

संविधान दिवस हमारे संविधान निर्माताओं के प्रति आभार व्यक्त करने और उनके सपनों के भारत के निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का दिन है। भारत निर्माण को लेकर आपकी प्रतिबद्धता क्या है और आप किस तरह का भारत देखना चाहते हैं? इसके अलावा, संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी देता है और यह समय सोशल मीडिया का है, जहां लोग मुखर होकर अपनी बात कहते हैं।