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पीएम मोदी बोले- नॉलेज से ही बढ़ता है सेल्फ रिस्पेक्ट, स्टूडेंट्स और टीचर्स के सामने होते हैं तीन सवाल


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत दुनिया में Mother of democracy रहा है। Democracy हमारी सभ्यता, हमारे तौर तरीकों का एक हिस्सा रहा है। आजादी के बाद का भारत अपनी उसी लोकतान्त्रिक विरासत को मजबूत करके आगे बढ़े, बाबा साहेब ने इसका मजबूत आधार देश को दिया।

जब Knowledge आती है, तब ही Self-respect भी बढ़ता है। Self-respect से व्यक्ति अपने अधिकार, अपने rights के लिए aware होता है। और Equal rights से ही समाज में समरसता आती है, और देश प्रगति करता है। डॉक्टर आंबेडकर कहते थे- मेरे तीन उपास्य देवता हैं। ज्ञान, स्वाभिमान और शील। यानी, Knowledge, Self-respect, और politeness.

एक स्टूडेंट क्या कर सकता है, ये उसकी inner strength है। लेकिन अगर हम उनकी inner strength के साथ साथ उन्हें institutional strength दे दें, तो इससे उनका विकास व्यापक हो जाता है। इस combination से हमारे युवा वो कर सकते हैं, जो वो करना चाहते हैं। हर स्टूडेंट का अपना एक सामर्थ्य होता है, क्षमता होती है। इन्हीं क्षमताओं के आधार पर स्टूडेंट्स और टीचर्स के सामने तीन सवाल भी होते हैं।

पहला- वो क्या कर सकते हैं? दूसरा- अगर उन्हें सिखाया जाए, तो वो क्या कर सकते हैं? और तीसरा- वो क्या करना चाहते हैं। बाबा साहेब ने समान अवसरों की बात की थी, समान अधिकारों की बात की थी। आज देश जनधन खातों के जरिए हर व्यक्ति का आर्थिक समावेश कर रहा है। DBT के जरिए गरीब का पैसा सीधा उसके खाते में पहुंच रहा है। बाबा साहेब के जीवन संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भी आज देश काम कर रहा है। बाबा साहेब से जुड़े स्थानों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है।