मुगलसराय। लालबहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में विभाजन की विभीषिका के संदर्भ में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए प्रबंधक राजेश कुमार तिवारी ने कहा कि देश विभाजन के दौरान साम्प्रदायिक लड़ाइयों में मारे गए लोगों को 14 अगस्त को याद किया जाता है। इस दिन अब विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में पिछले वर्ष से मनाया जाने लगा। जिसमें उस समय बलिदान की बेदी पर शहीद लोगों को याद रखने का प्रयास किया जायेगा। आंसुओं से लिखी गई इस घटना को अब देश भर में याद किए जाने से विघटनकारी शक्तियाँ पुन: अपने मक़सद में सफल नहीं हो पायेगी । इस अवसर पर बोलते हुए प्रो उदयन मिश्र ने कहा कि तमस उपन्यास में भीष्म साहनी ने जिसमें उन्होंने एक ओर शरणार्थी समस्या को उभारा है वहीं दूसरी ओर पेट की भूख के आगे मानवीय रिश्तों का वर्णन किया है जो विभाजन के समय खोखली पड़ चुकी थी। इस अवसर पर प्रो अरुण ने अपना विचार प्रस्तुत किया। गोष्ठी में विषय प्रवर्तन डा हर्षवर्धन ने किया। संचालन डा विवेक व धन्यवाद ज्ञापन प्रो मनोज ने किया। इस अवसर पर डा० ब्रृजेश सिंह प्रो धनंजय, प्रो राजीव, प्रो अजीत, डा अजय, डा मेहबूब, डा मनोज, डा डी के मिश्र, डा दीपक, डा पंकज, डा सारिका, डा मीना, सुनील, रंजित एवं छात्र छात्राएँ आदि उपस्थित रहे।