चंदौली। जिम्मेदार अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण जनपद में गरीब आवास से वंचित हो रहे है। लाख प्रयास के बावजूद भी उनको आवास नहीं मिल रहा है। वही जिले में पात्र व्यक्तियों का आवास अपात्रों को भी दे दिया जा रहा है। शिकायत के बावजूद भी भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी लीपा पोती करने में जुटे हुए है। नौगढ़ में कई गरीबो का मकान गिर गया था जिनको आज तक आवास नही मिला। विवश लाचार गरीब प्लास्टिक की ओट में गुजर बसर करने को विवश है। चकरगट्टा थाना क्षेत्र के बसौली ग्राम पंचायत में 2019 में दिव्यांग महिला महोदरी देवी का घर गिर गया था। आवास के लिए प्रधान ने आवेदन भी कर दिया था। पीडि़त महिला को मुआवजा व नही आवास मयस्सर हो पाया। आज भी पूस और प्लास्टिक को ओट लगाकर रहने को मजबूर है। 2019 में ही मसौली गांव के निवासी मल्लू, विपिन गिरी, प्रिंस यादव, उदय नारायण, सुरेंद्र, रामचंद्र, सत्य प्रकाश, देवब्रत आदि का कच्चा मकान गिर गया। वे आज तक कार्यालयों का चक्कर लगा रहे है। मामला संज्ञान में आने के बाद मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमैन योगेन्द्र कुमार सिंह ने आयोग में शिकायत भेजकर पीडि़तों को आवास उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया था। आयोग ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकार चन्दौली से रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कई अवसर देने के बावजूद भी कोई जबाब प्रस्तुत नही किया गया। जिलाधिकारी के लापरवाह रवैये पर आयोग ने 04 जनवरी 2023 को मामले पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 13 ए के तहत जिलाधिकारी चन्दौली 17 फरवरी 2023 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हो कर अपेक्षित रिपोर्ट प्रस्तुत करें। हालांकि यदि आवश्यक रिपोर्ट 10 फरवरी 2023 को या उससे पहले प्राप्त हो जाती है तो उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति समाप्त कर दी जाएगी। आगे आयोग ने अपने निर्देश में यह भी कहा कि सम्बंधित मामले की जानकारी प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश सरकार के संज्ञान में अवश्य लाई जानी चाहिए।