मुगलसराय। शिक्षक दिवस सप्ताह के अंतर्गत समाजशास्त्र विभाग द्वारा पं पारसनाथ तिवारी नवीन परिसर में भारतीय ज्ञान परम्परा व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में सरस्वती वंदना रीमा ने व स्वागत गान वर्तिका, आकांक्षा व प्रियंका ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो दीनबंधु तिवारी ने कहा कि ऋग्वेद काल से ही शिक्षा प्रणाली जीवन के नैतिक, भौतिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक मूल्यों पर केंद्रित होकर विनम्रता, सत्यता, अनुशासन, आत्मनिर्भरता और ब्रह्मांड के समस्त सजीवों व निर्जीवो के लिए सम्मान जैसे मूल्यों को प्राथमिकता से ध्यान देने के लिए बल देती है। प्राचीन काल की शिक्षा प्रणाली ज्ञान व परंपराओं को प्रोत्साहित करती थी। इस अवसर पर बोलते हुए प्रबंधक राजेश कुमार तिवारी ने कहा कि प्राचीन भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत ही उस कालखंड के शिक्षा की प्रमुख विशेषता थी जिसके द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व का चातुर्दिक विकास होता था। इस अवसर पर बोलते हुए प्रो उदयन मिश्र ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा का मुख्य उद्देश्य ऐसी शिक्षा देना जिससे व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो। ये तभी संभव हो पायेगा जब हम शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहें। इस अवसर पर कार्यक्रम का संयोजन प्रो संजय पाण्डेय व धन्यवाद ज्ञापन प्रो अरुण पाण्डेय ने किया। इस कार्यक्रम के समापन के उपरांत समाजशास्त्र विभाग के छात्र छात्राओं ने फ़ेयरवेल पार्टी का आयोजन किया। जिसका संचालन अभिषेक ने किया। इस अवसर पर डा मनोज, डा सुनील, डा शशिकला, सुनील, चन्द्रशेखर, मोहन आदि के साथ छात्र छात्राएँ उपस्थित रही।