चकिया। विकासखंड के ग्राम सभा मुजफ्फरपुर, एवं पुरानाडीह, कुंडा हेमैया, गांव में कैंप लगाकर बुधवार को भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के तहत गोष्ठी का आयोजन किया गया। निर्देशक डॉ तुषार कांति बेहेरा के दिशा निर्देश पर अनुसूचित जाति उपयोजना में चयनित किसानों को वैज्ञानिक द्वारा संबंधित सब्जी बीज वितरण किया गया। इसमें कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को हरी सब्जी की खेती करने की प्रमुखता विस्तार से जानकारी दी। किसानों को हरी सब्जी की खेती करने के लिए जोर दिया। और 50 अनुसूचित किसानों को 11 कीसिम के सब्जी बीज वितरण किए। जिसमें भिंडी, लोबिया, टमाटर, बैगन, मिर्च, लौकी, कोहड़ा, नेनुआ, तुरई कद्दू नसदार तोरइ कद्दू पेठा, सेम तथा बैगन के पौधे दिए। वैज्ञानिक त्रिभुवन चौबे ने कहा फसलों के साथ ही हरी सब्जी की खेती से किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। कद्दू वर्गीय सब्जी के उत्पादन की तकनीको एवं फसल सुरक्षा के बारे में किसानों को जानकारी दी। डॉ शैलेश कुमार तिवारी ने टमाटर बैंगन और मिर्च की खेती के बारे में किसानों को अवगत कराया और फसल सुरक्षा के बारे में निराई गुड़ाई जैविक खाद और फसल पर कीटाणु लगने पर दवा छिड़काव के बारे में किसानों को बताया। डॉ अनुराग चौरसिया ने अगेती खेती के बारे में विस्तृत चर्चा किसानों से किया और विजयारानी ने किसानों को फसल पर लगने वाले रोग और उनके नियंत्रण पाने का उपाय बताया। इस दौरान किसान रामसकल, हरिदास, श्याम नाथ, मुन्ना, केशनाथ, बाड़ू, लालबरात, सुखराम, संतोष, प्रकाश तमाम किसान मौजूद रहे।