नई दिल्ली। कोरोना के मामलों में आ रही कमी का हवाला देते हुए चुनाव आयोग ने रविवार को पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टियों के स्टार प्रचारकों की संख्या बहाल कर दी है। अब मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय दल अधिकतम 40 स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार सकते हैं। जबकि गैर-मान्यता प्राप्त अन्य पार्टियां अब 20 स्टार प्रचारकों को उतार सकती हैं। अक्टूबर, 2020 में आयोग ने मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय व प्रदेश स्तरीय पार्टियों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या 40 से घटाकर 30 और गैर-मान्यता प्राप्त अन्य पार्टियों के लिए 20 से घटाकर 15 कर दी थी। मालूम हो कि चुनावों में स्टार प्रचारकों का खर्च संबंधित पार्टी वहन करती है और इसका खर्च उस प्रत्याशी या प्रत्याशियों के खर्च में नहीं जोड़ा जाता जिनके लिए स्टार प्रचारक प्रचार करते हैं।
आयोग ने राजनीतिक दलों को एक पत्र में कहा कि कोरोना के उपचाराधीन मरीजों और नए मामलों की संख्या घट रही है और केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। आयोग ने विचार-विमर्श के बाद स्टार प्रचारकों की संख्या की अधिकतम सीमा बहाल करने का फैसला लिया है।
पत्र में आगे कहा गया है कि अब मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तर के राजनीतिक दलों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या की अधिकमत सीमा 40 होगी और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के अलावा अन्य के लिए यह संख्या 20 होगी। इसके अलावा कहा गया है कि मणिपुर विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों, यूपी चुनाव के पांचवें, छठे और सातवें एवं असम में माजुली विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची निर्वाचन आयोग या संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास 23 फरवरी को शात 5 बजे तक जमा की जा सकती है।