- उच्च न्यायपालिका (Higher Judiciary) में जजों के चयन में देरी पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बयान दिया है. उन्होंने कहा यदि उच्च न्यायालय (हाई कोर्ट) के कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित नामों को न्यायाधीश बनाने के लिए पर्याप्त रूप से फिट नहीं पाया जाता है, तो कानून मंत्रालय को देरी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है.
विभिन्न HC में बड़ी वैकेंसी और नियुक्तियों के प्रत्येक सेट के बीच समय अंतराल के बारे में विशेष रूप से टीओआई से बात करते हुए, ‘कानून मंत्री ने कहा कि यदि एचसी (High Court) में वैकेंसी की जांच की जाती है तो यह देखा जा सकता है कि जजों की नियुक्ति मामला सरकार के पास लंबित नहीं हैं. कानून मंत्री ने आगे बताया या तो वे प्रक्रिया में हैं या सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के साथ. 1 अक्टूबर तक देश के 25 हाई कोर्ट में जजों के 471 पद खाली थे.
‘लगभग 200 सिफारिशें संसाधित होने के विभिन्न चरणों में’
रिजिजू ने कहा फाइलों को मंजूरी देने में तेजी आई है और ये सही भावना से किया जा रहा है, अब बहुत तेजी से. हालांकि, उन्होंने कहा कि एचसी कॉलेजियम और सरकार दोनों एचसी में स्वीकृत संख्या को भरने के लिए एक ही पृष्ठ पर हैं. किरेन रिजिजू ने बताया, हम एससी कॉलेजियम के साथ नियुक्तियों और फाइलों को जल्द से जल्द निपटाने पर काम कर रहे हैं.