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जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने जारी की अपनी रिपोर्ट, 21 तक लोगों से मांगी आपत्तियां-सुझाव


जम्मू, : जम्मू कश्मीर की सियासत को गर्माने वाले परिसीमन आयोग ने अपने प्रस्तावों को अंतिम रूप दे दिया और 21 मार्च शाम 5 बजे तक लोगों से आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट भारत और जम्मू कश्मीर के राजपत्र में प्रकाशित कर दी है। इसी के साथ परिसीमन आयोग ने घोषणा की कि वे 28 और 29 मार्च को जम्मू कश्मीर का दौरा करेंगे और इस दौरान लोगों से बातचीत भी करेंगे।

आयोग ने जम्मू और कश्मीर में लोकसभा सीटों की संख्या में वृद्धि नहीं की है। साथ ही इसने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए कोई संसदीय क्षेत्र आरक्षित नहीं किया। हालांकि, विधानसभा में एससी के लिए सात और एसटी के लिए नौ सीटें आरक्षित जरूरत की हैं।

आयोग की अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई हैं और इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा और राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) केके शर्मा भी शामिल हैं।

आयोग ने रिपोर्ट के साथ नेशनल कांफ्रेंस के सभी तीन लोकसभा सांसदों- डॉ फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी और भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा द्वारा हस्ताक्षरित दो विस्तृत असहमति नोट शामिल किए हैं। ये सभी आयोग के एसोसिएट सदस्य हैं। प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह पांचवें सहयोगी सदस्य हैं।रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर की सभी 90 विधानसभा सीटों का लेखा जोखा है।

रिपोर्ट आने के बाद धरने, प्रदर्शन की राजनीति भी जोर पकड़ेंगी। आयोग ने ही हाल ही संशोधित रिपोर्ट की कापियां सहयोगी सदस्यों को सौंपी थी। इसके बाद जनआक्रोश भड़कने लगा था। इस समय जम्मू संभाग के सांबा जिले के लोग रिपोर्ट को लेकर सुलग रहे हैं। रिपोर्ट में विजयपुर विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा रही गुढा सलाथिया को सांबा विधानसभा सीट के साथ जोड़ दिया गया है। इससे राजनीतिक दलों की सियासत पर फर्क पड़ा है।

 

आयोग की रिपोर्ट को लेकर कश्मीर के राजनीतिक दलों में भी उफान है। जम्मू में विधानसभा की छह व कश्मीर में सिर्फ एक सीट बढ़ाने के खिलाफ रोष है। ऐसे हालात में फारूक अब्दुल्ला व नेशनल कांफ्रेंस के अन्य दो सांसदों ने 18 पेज की आपत्तियां दर्ज करवाकर परिसीमन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। पार्टी का कहना है कि कश्मीर की अनदेखी की गई है व परिसीमन रिपोर्ट उसे मंजूर नही है।