पूर्व पीएम हिरोबुमी इतो (Hirobumi ITO) की हत्या
हिरोबुमी इतो जापान के पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने चार बार (पहले, पांचवें, सातवें और दसवें) राष्ट्राध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली। पहली बार वह 22 दिसंबर 1885 से 30 अप्रैल 1888 तक, दूसरी बार 08 अगस्त 1892 से 31 अगस्त 1896 तक, तीसरी बार 12 जनवरी 1898 से 30 जून 1898 तक और चौथी बार 19 अक्टूबर 1900 से 10 मई 1901 तक वह जापान के प्रधानमंत्री रहे। रूस-जापान युद्ध खत्म होने पर नवंबर 1905 में उन्होंने जापान-कोरिया समझौता (Japan–Korea Treaty of 1905) कराया। 21 दिसंबर 1905 को वह कोरिया के पहले रेसिडेंट जनरल बने। 26 अक्टूबर 1909 को वह हार्बिन रेलवे स्टेशन (Harbin Railway Station) पर एक कोरियन नागरिक ने उन पर छह गोलियां बरसा दीं, जिसमें से तीन गोली उनके सीने पर लगी और उनकी मृत्यु हो गई। हमलावर का कोरिया की आजादी के लिए काम करने वाला एक एक्टिविस्ट था।
पीएम ताकेशी हारा (Takashi Hara) की हत्या
ताकेशी हारा एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे। बड़ी कठिनाइयों का सामना करते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की थी। उन्होंने पत्रकारिता की और सरकारी सेवा में भी रहे। इसके बाद वह राजनीति में आए और जापान के 19वें प्रधानमंत्री बने। वह जापान के पहले ईसाई पीएम थे। उन्होंने 29 सितंबर 1918 से 04 नवंबर 1921 तक सत्ता की बागडोर संभाली। 04 नवंबर 1921 को वह पार्टी की एक कॉफ्रेंस में शामिल होने के लिए टोक्यो स्टेशन पहुंचे। यहां रेलवे के एक स्विचमैन ने उन पर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। हमलावर का मानना था कि सामान्य परिवार से आने वाले ताकेशी सत्ता की बागडोर संभालने लायक नहीं है। उनकी सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ा है।
पूर्व पीएम कोरेकियो ताकाहाशी (Korekiyo Takahashi) की हत्या
कोरेकियो, जापान के 20वें प्रधानमंत्री थे। वह 13 नवंबर 1921 से 12 जून 1922 तक जापान के पीएम रहे। पीएम बनने से पहले 1887 में वह जापान के पेटेंट ब्यूरो के निदेशक और 1911 में बैंक ऑफ जापान के प्रेसिडेंट जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके थे। जापानी अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए उनका कार्यकाल काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। उन्होंने देश की नीतियों में कई बड़े बदलाव किए, इसमें सेना के खर्च पर नियंत्रण भी शामिल था, जिससे कई सैन्यकर्मियों में रोष था। 26 फरवरी 1936 जापानी सेना ने देश में सैन्य शासन लागू करने के लिए बगावत कर दी थी। इसी दौरान बागी सैनिकों के गुठ ने उनकी हत्या कर दी थी। इस दिन जापान के कई राजनेताओं की हत्या हुई थी।
पूर्व पीएम ओसाची हमागुचि (Osachi Hamaguchi) की हत्या
ओसाची ने जापान के 27वें प्रधानमंत्री के तौर पर 02 जुलाई 1929 से 14 अप्रैल 1931 तक सत्ता संभाली थी। 1931 में उन्होंने सबसे पहले जापानी महिलाओं के मताधिकार का मसौदा रखा था, हालांकि वह पास नहीं हो सका था। 26 अगस्त 1931 को टोक्यो रेलवे स्टेशन पर उन्हें गोली मार दी गई। ये वही जगह थी, जहां नौ साल पहले ताकेशी हारा की हत्या की गई थी। इस हमले में ओसाची बुरी तरह घायल हो गए और करीब नौ महीने बाद इस हमले से हुए जख्म ने उनकी जान ले ली।
पीएम सुयोशी इनुकाई (Tsuyoshi Inukai) की हत्या
सुयोशी इनुकाई जापान के 29वें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने 13 दिसंबर 1931 से 16 मई 1932 तक सत्ता की बागडोर संभाली थी। प्रधानमंत्री बनने से पहले वह पत्रकार भी रहे थे। 76 वर्ष की आयु में इस पद पर पहुंचने वाले वह जापान के दूसरे सबसे बुजुर्ग पीएम थे। 15 मई 1932 को नेवी के 11 जूनियर बागी अधिकारियों ने उन्हें टोक्यो स्थिति पीएम आवास में ही मौत के घाट उतार दिया था। हमले से पहले उनका अंतिम वाक्य था, ‘अगर हम बात कर सकते हैं, तुम समझ जाओगे’। इस पर बागी अधिकारियों का जवाब था, ‘बातचीत करना बेकार है’। ये हमलावर उस दिन मशहूर हास्य अभिनेता चार्ली चैपलिन की हत्या के मकसद से पहुंचे थे, जो ठीक एक दिन पहले 14 मई को सुयोशी के मेहमान थे। इस तरह बागी सैन्यकर्मी अमेरिका को युद्ध के लिए उकसाना चाहते थे। हांलाकि हमलावर चार्ली चैपलिन को मारने में नाकाम रहे थे।
पूर्व पीएम मकोतो साइतो (Makoto Saito) की हत्या
मकोतो 26 मई 1932 से 08 जुलाई 1934 तक जापान के 30वें प्रधानमंत्री थे। इससे पहले वह नौसेना में अधिकारी भी रहे थे। 1912 में वह एडमिरल पद पर प्रोन्नत हुए। 1919 में कोरिया के चौथे गवर्नर जनरल बने। 15 मई 1932 को प्रधानमंत्री सुयोशी इनुकाई के बाद मकोतो ने पीएम की जिम्मेदारी संभाली। 26 फरवरी 1936 को हुई सैन्य बगावत में मकोतो की भी टोक्यो स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी। इसी दिन बागियों ने जापान के एक और पूर्व प्रधानमंत्री कोरेकियो ताकाहाशी को भी मौत के घाट उतारा था।