चंडीगढ़। द्वितीय विश्व युद्ध और तीनों सेनाओं में शौर्य दिखाने वाले वेटरन कर्नल पृथीपाल सिंह का रविवार दोपहर को निधन को गया। परिवार के सदस्यों ने सेक्टर–25 के शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया। इस दौरान वेस्टर्न कमांड के भी सैन्य अफसर मौजूद रहे। उनके बेटे अजेयपाल सिंह ने बताया कि उनके पिता को कोई दिक्कत नहीं थी, रविवार दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने बेहद शानदार जीनव सम्मान के साथ जिया।
1942 को ज्वाइन की थी रायल इंडियन फोर्स
कर्नल पृथीपाल सिंह ने वर्ष 1942 में रायल इंडियन एयरफोर्स बतौर पायलट ज्वाइन की थी। वह कराची में फ्लाइट कैडेट थे। उस जमाने में लोग एयर क्रैश से काफी डरते थे, इसलिए उन्होंने पिता की जिद्द पर एक साल बाद नौकरी छोड़ दी थी और 23 साल की उम्र में इंडियन नेवी ज्वाइन की। वह 1943 से 1948 तक नेवी में रहे। साल 1951 में वह सेना की आर्लिटरी रेजिमेंट का हिस्सा बने। उन्होंने भारत पाक युद्ध में, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और नोर्थ ईस्ट में रहते हुए कई साल तक देश की सीमाओं की रक्षा की और साल 1970 में कर्नल के पद रिटायर हुए।