नई दिल्ली । Ozone Pollution In Delhi: देश की राजधानी दिल्ली ही नहीं बल्कि वायु प्रदूषण में अब ओजोन गैस भी बड़ी समस्या बनती जा रही है। साल दर साल इसमें तेजी से इजाफा हो रहा है। इससे अधिक चिंता की बात क्या होगी कि गर्मियों के दौरान यह लगभग हर रोज ही तय मानकों से कहीं ज्यादा रहने लगी है। बावजूद इसके नियंत्रण के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। इससे केवल दो करोड़ लोग ही नहीं बल्कि एनसीआर के शहरों के 2 करोड़ लोग भी प्रभावित हो रहे हैं।
क्या है ओजोन गैस
ओजोन गैस मुख्यतया गर्मियों के दिनों में बनती है। जब नाइट्रोजन डाइआक्साइड (एनओएक्स), वीओसी (वोलेटाइल आर्गेनिक कंपाउंड) और आक्सीजन का धूप के साथ रिएक्शन होता है, तब इसकी उत्पत्ति होती है। यह एनओएक्स गाड़ियों, पावर प्लांट और उद्योगों से निकलने वाले धुएं से निकलती है।
तय मानक से ऊपर ही रहता इसका स्तर
गर्मियों में मार्च, अप्रैल, मई व जून के दौरान ओजोन गैस का स्तर आठ घंटे में 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए, लेकिन यह अमूमन दोगुने तक 150 से 200 रहता है। चिंता की बात यह कि साल दर साल बढ़ती गर्मी और वाहनों की संख्या के कारण अब गर्मियों में हर दिन ही ओजोन गैस तय मानकों से ज्यादा रहती है।