सांसद निशिकांत दुबे ने हेमंत सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
इस मामले में सांसद निशिकांत दुबे ने प्रशासन को चुनौती दी है और कहा है कि अगर शिव बारात को लेकर मनमानी की गई, तो आमरण अनशन पर बैठ जायेंगे। उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ‘देवघर भगवान शिव की भूमि है। देवघर का अर्थ है कि महादेव यहां के कण-कण में निवास करते हैं। हजारों सालों से यहां शिव बारात निकाली जा रही है। भगवान शिव की नगरी में अगर शिव बारात नहीं निकाली तो और कहां निकाली जाएगी? मक्का और वेटिकन में?’
शिव बारात को लेकर बखेड़ा
उन्होंने महाशिवरात्रि पर देवघर में झारखंड सरकार द्वारा धारा 144 लगाने पर आगे कहा, ‘यह ‘बाबा की नगरी’ है। यहां किसी का अहंकार नहीं चलेगा। मेरा मानना है कि यही हेमंत सोरेन के पतन का मार्ग है।’ गौरतलब है कि शहर में महाशिव रात्रि के मौके पर शिव बारात समिति ने जो रूट तय किए थे और जिला प्रसाशन की तरफ से जिस रूट को लेकर आदेश जारी किया गया है इसे लेकर विवाद है। सांसद निशिकांत दुबे ने इसे लेकर एक ट्वीट किया है।
आमरण अनशन पर बैठ सकते हैं सांसद
दरअसल, प्रशासन ने जिस रूट चार्ट को तय किया है उसे लेकर शिवरात्रि महोत्सव समिति से किसी प्रकार का कोई संवाद नहीं किया गया है। समिति का कहना है कि प्रशासन का रूट चार्ट संकीर्ण है और लोगों की अधिक भीड़ होने की वजह से इन्हें संभालने में परेशानी हो सकती है। इसे लेकर सांसद ने कहा है कि धारा 144 लगाना और बिना शिव रात्रि महोत्सव समिति की सहमति के रूट तय करना तानाशाही है। यदि प्रशासन नहीं संभला तो वह भगवान शिव के लिए आमरण अनशन कर सकते हैं।
कोर्ट लेगा अब फैसला, कल सुनवाई
निशिकांत दुबे ने बुधवार को इस पर एक जनहित याचिका दाखिल की, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। गुरुवार को उनके अधिवक्ता ने इस मामले में तत्काल सुनवाई के लिए विशेष मेंशन किया, जिसे एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने स्वीकार कर लिया।
सांसद निशिकांत दुबे ने एक जनहित याचिका दाखिल कर देवघर जिला प्रशासन की ओर से धारा 144 लागू किए जाने और शिव बारात के मार्ग को परिवर्तन को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि जिला प्रशासन ने मनमाने ढंग से शिव बारात के मार्ग में बदलाव किया है। ऐसा करना श्रद्धालुओं की श्रद्धा के साथ खिलवाड़ करना है। इसलिए अदालत मामले में हस्तक्षेप करें।