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चीफ जस्टिस ने उठाया ज्यूडिशयरी में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी का मुद्दा,


  • मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने न्यायिक बुनियादी ढांचे को लेकर अपनी चिंताओं को उठाया. उन्होंने कानून मंत्री किरेन रिजिजू के साथ एक कार्यक्रम मंच साझा करते हुए ज्यूडिशयरी में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के मुद्दे पर बात रखी. इस दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि संसद के शीतकालीन सत्र में राष्ट्रीय न्यायिक अवसंरचना प्राधिकरण की स्थापना का प्रस्ताव लिया जाए.

देश के मुख्य न्यायधीश जस्टिस एन वी रमना ने कहा कि न्यायपालिका पर लोगों का भरोसा लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है. मुख्य न्यायधीश जस्टिस एन वी रमना ने कहा कि जरूरत के मुताबिक लोगों को कोर्ट की शरण में जाने से संकोच नहीं करना चाहिए.

मुख्य न्यायधीश जस्टिस एन वी रमना ने कहा कि एक प्रभावी न्यायपालिका ही देश के प्रभावी विकास में सहायता कर सकती है. 2018 में प्रकाशित अंतर्राष्ट्रीय शोध के मुताबिक समय पर न्याय न मिलने की वजह से देश को GDP में 9 फीसदी सालाना का नुकसान उठाना पड़ता है.

कोर्ट की इन कमियों को किया जाना चाहिए दूर

मुख्य न्यायधीश जस्टिस एन वी रमना ने औरंगाबाद में हाईकोर्ट के एक कार्यक्रम में ज्यूडिशयरी में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी पर कई चिंताओं को उठाया. मुख्य न्यायधीश एन वी रमना कहा कि देश के 26फीसदी अदालतों में महिलाओं के लिए शौचालय नहीं है जबकि 16फीसदी अदालतों में पुरुषों के लिए शौचालय नहीं है. मुख्य न्यायधीश ने कहा कि देश के 46 फीसदी कोर्ट कॉम्प्लेक्सेज में शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. केवल 5फीसदी कोर्ट कॉम्प्लेक्सेज में मेडिकल सुविधा है. लगभग 50फीसदी न्यायालय परिसरों में पुस्तकालय नहीं है