- नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कोहराम अब थमने लगा है। लेकिन ब्लैक फंगस का कहर अब भी जारी है। महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के 5126 एक्टिव केस है और इसके कारण अब तक 412 मौतें हो चुकी है। हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था कि महाराष्ट्र को केंद्र को यह बताने की जरूरत है कि राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मरीज उपचार के लिये जरूरी दवा की कमी के कारण मर रहे हैं।
कोविड-19 महामारी से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर ते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, मरीजों को रोजाना एक या दो इंजेक्शन दिये जा रहे हैं जबकि उन्हें रोजाना चार से पांच इंजेक्शन दिये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके कारण 124 लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आज भी दवा की जितनी जरूरत है उससे 70 प्रतिशत कम आपूर्ति है।
ब्लैक फंगस के 28 हजार से ज्यादा मामले
गौरतलब है कि देश के 28 राज्यों में अब तक ब्लैक फंगस के मामले मिल चुके है। कुछ दिन पहले के आंकड़ों के मुताबिक 26 राज्यों में 19 हजार के करीब मामले सामने आए थे वहीं सोमवार को अधिकारियों ने जानकारी दी कि देश के 28 राज्यों में अब तक 28 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। जबकि करीब 300 मरीजों की मौत होने की जानकारी है।
अधिकारियों ने बताया कि देश में कुल 28,252 मरीज फंगस संक्रमित हैं जिनमें से 86 फीसदी मरीज कोरोना संक्रमित रहे हैं। वहीं इन मरीजों में 62.3 फीसदी मधुमेह पहले से था। वहीं महाराष्ट्र में सबसे अधिक 6,339 मामले अब तक मिल चुके हैं। जबकि गुजरात में 5,486 लोग फंगस के शिकार हुए।