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महाराष्ट्र में बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही, 164 की मौत, राहत कार्य तेज


  • राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद का वादा किया। भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में भूस्खलन हुआ है। रायगढ़ जिले के तालिये गांव में हुआ सबसे घातक भूस्खलन भी शामिल है।

 महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन के बाद 90 शव निकाले जा चुके हैं और 100 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। एनडीआरएफ के अनुसार, एनडीआरएफ तीन भूस्खलन प्रभावित जिलों रायगढ़, रत्नागिरी और सतारा में काम कर रहा है।

एनडीआरएफ के बचावकर्मियों ने इन इलाकों से कुल 90 शव निकाले हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 47 शव रायगढ़ की महाड़ तहसील के तालिये गांव से हैं। इन तीन जिलों में कई लोगों के लापता होने की खबर है। एनडीआरएफ रायगढ़ में भूस्खलन प्रभावित तलिये, रत्नागिरी के पोरासे और पेधे और सतारा जिले के मीरगांव, अंबेघर और ढोकावाले में काम कर रहा है।

एनडीआरएफ ने कहा कि टीमें पिछले कुछ दिनों से लगातार बचाव और राहत कार्य में लगी हुई हैं और अब तक उन्होंने 3,100 से अधिक फंसे हुए लोगों को बचाया है और मौजूदा बाढ़ के दौरान 1,250 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

घटनाओं में अब तक 50 लोग घायल हो चुके हैं

रायगढ़ जिले में 11 तथा वर्धा और अकोला में दो-दो लोगों के शव मिलने के बाद महाराष्ट्र में वर्षाजनित हादसों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर सोमवार को 164 हो गई, जबकि 100 लोग अब भी लापता हैं। इस बीच, मध्य रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारी बारिश के कारण यहां के कुछ मार्गों पर ट्रेन यातायात बाधित होने के चार दिन बाद पड़ोसी जिलों.. ठाणे, नासिक और पुणे के थाल और भोर घाट क्षेत्रों में सभी रेल लाइन पर सेवाएं सोमवार की सुबह बहाल कर दी गईं।