गुवाहाटी, असम और मिजोरम के बीच चल रहे सीमा विवाद पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक होनी है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा मिजोरम के समकक्ष जोरमथांगा से मुलाकात करेंगे। मंगलवार को समाचार एजेंसी एएनआई के आधिकारिक सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बीच सीमा वार्ता के कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
असम और मिजोरम सीमा विवाद से जुड़े सूत्रों ने कहा कि सरमा दिल्ली आएंगे। यहां मिजोरम के सीएम जोरमथंगा से मुलाकात करेंगे। पहले यह बैठक सोमवार (19 सितंबर) को होने वाली थी, लेकिन इसे टाला पड़ा क्योंकि सरमा कुछ जरूरी काम के लिए अपने राज्य लौट गए थे।
दिल्ली के असम भवन में होनी है यह बैठक
सीएमओ अधिकारी ने कहा कि दोनों मुख्यमंत्रियों की अब बुधवार को नई दिल्ली के असम हाउस में बैठक होगी, ताकि जटिल सीमा विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान निकाला जा सके। अधिकारी ने कहा कि बैठक दोपहर एक बजे होगी और जोरमथांगा के साथ राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष एच. राममावी के भी शामिल होने की संभावना है, जो अब दिल्ली में हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि इसके बाद दोनों नेता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मिलकर इस पूरे घटनाक्रम पर चर्चा कर सकते हैं।
इस मुद्दे को लेकर अमित शाह के साथ पिछले साल हुई थी बैठक
पिछले साल नवंबर में दोनों मुख्यमंत्रियों ने असम-मिजोरम विवाद पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय गृहमंत्री की उपस्थिति में मुलाकात की थी। दोनों ही राज्यों के बीच यह मामला काफी समय से लंबित है।
सीमा विवाद पर पिछले साल हुई थी हिंसा
बता दें कि पिछले साल जुलाई में सीमा विवाद काफी हिंसक हो गया था। असम पुलिस के सात कर्मियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे। इसके बाद इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए असम और मिजोरम के प्रतिनिधिमंडलों के बीच दो दौर की बैठकें हुई हैं।
गौरतलब है कि 1972 में मिजोरम को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था। हालांकि, असम से अलग हुए केंद्र शासित प्रदेश को 1987 में एक संपूर्ण राज्य बनाया गया था। असम के साथ सीमा की प्रारंभिक स्वीकृति के बाद धीरे-धीरे मिजोरम के साथ सीमा विवाद शुरू होता गया, जो कि आगे चलकर यह बढ़ता ही जा रहा है।