(आज समाचार सेवा)
पटना। गर्मी की रफ्तार बढ़ते ही राज्य में गर्मी एवं लू का प्रकोप बढऩे लगा है। हाल के दिनों में अगलगी की घटनाओं में वृद्धि से हर कोई चिंतित है। अब कभी पछुआ तो कभी पूरबा हवा से उमस भरी गर्मी भी अपना रंग दिखाने लगा है। सरकार ने भीषण गर्मी और लू को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। सभी संबद्ध विभागों को विशेष निर्देश दिये गये हैं।
आपदा प्रबंधन एवं स्वास्थ्य के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी संबद्ध अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक जगहों पर स्थानीय निकायों द्वारा पियाऊ की व्यवस्था करनेू को कहा है। इन सथानों पर गर्म, हवाओं एवं लू से बचाव के लिए आवश्यक सूचनाओं को प्रदर्शित किया जाना चाहिए। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल अस्पतालों, सदर अस्पतालों, अनुमंडलीय अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों में लू से प्रभावितों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था रखें।
सभी स्वास्थ्य केंद्रों एवं अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैकेट, आइभी फ्लूड एवं जीवन रक्षक दवा की व्यवस्था रहनी चाहिए। अत्यधिक गर्मी से पीडि़त व्यक्ति के इलाज के लिए आवश्यकतानुसार अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था कर ली जानी चाहिए एवं लू से पीडि़त बच्चों, वृद्धों, गर्भवती महिलाओं तथा गंभीर रुप से बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। आवश्यकतानुसार प्रभावित जगहों हेतु स्टैटिक, चलंत चिकित्सा दल की भी व्यवस्था कर ली जाये।
प्रधान सचिव ने कहा है कि भीषण गर्मी एवं लू से बचने से संबंधित गाइडलाइन के अतिरिक्त कोरोना वायरस संक्रमण के वर्ततमान परिदृश्य में सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क तथा अन्य स्वास्थ्य मानकों का अनुपालन आवश्यक रुप से किया जाये। साथ ही इस संबंध में गृह मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशें का सख्ती से अनुपालन कराये जायें। पीएचइडी को खराब पड़े चापाकलों को ठीक कराने तथा एसओपी के अनुरूप संकटग्रस्त इलाके में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जानी चाहिए।
शिक्षा विभाग को कहा गया है कि स्कूली बच्चों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए आवश्यक है कि विद्यालयों को सुबह की पाली में ही संचालित किये जायें। गर्मी की स्थिति को देखते हुए अल्प समय के लिए विद्यालय को बंद कर दें। सभी स्कूलों एवं परीक्षा केंद्रों पर पेयजल, ओआरएस के व्यवस्था रहे। समाज कल्याण विभाग सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल की समुचित व्यवस्था रहे। पशु एवं मत्स्य विभाग को सरकारी ट्यूबवेल के समीप अथवा सुविधायुक्त स्थानों पर गड्ढा खुदबा कर पानी इकठ्ठा करें ताकि पशुओं एवं पक्षियों को पानी मिल सके।
ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा के माध्यम से तालाबों, आहर इत्यादि की खुदाई की योजनाओं में तेजी लायें। लू चलने पर मनरेगा की कार्य अवधि को सुबह छह बजे से ११ बजे तथा दोपहर बादर साढ़े तीन बजे से साढ़े छह बजे तक निर्धारित करें।
परिवहन विभाग को कहा गया है कि लू चलने की अवधि में जहां तक संभव हो वाहनों का परिचालन कम से कम करना चाहिए। पूर्वाह्न ११ बजे से अपराह्न साढ़े तीन बजे तक सार्वजनिक परिवहन की गाडि़ायों के परिचालन को नियंत्रित किया जा सकता है। सार्वजनिक परिवहन के गाडिय़ों में पेयजल तथा ओआरएस के साथ-साथ प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
ऊर्जा विभाग को कहा गया है कि प्राय: बिजली के तारों के ढीला रहने के कारण हवा चलने पर वे आपस में टकराते रहते हैं जिससे चिनगारी निकलने की संभावना रहती है। इन चिनगारियों के कारण भी अगलगी की घटनाएं होती है। बिजली के ढीले तारों को ठीक कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए।