पटना

पटना: दवा दुकानदार की गोली मारकर हत्या


9 साल के बच्चे को भी लगी गोली, 6 नामजद, डीएसपी हॉस्पिटल पहुंचे

(आज समाचार सेवा)

पटना। पटना के शास्त्रीनगर इलाके में एक बार फिर अपराधियों ने तांडव मचा दिया है। आईजीआइएमएस के गेट नंबर 2 के पास दवा दुकानदार वीरेंद्र यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। अपराधियों ने वहां पर कुल 3 गोलियां चलाई। एक गोली सीधे दवा दुकानदार को लगी जो सीने को भेदती हुई निकल गई और वहीं पास में खड़े 9 साल के बच्चे को जा लगी।

दवा दुकानदार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बच्चा गंभीर रूप से घायल है और उसका इलाज आईजीआइएमएस चल रहा है। घटना बुधवार की रात 8 बजे की है। पड़ोसियों के अनुसार उस वक्त वीरेंद्र यादव नाश्ता करने के लिए अपनी दुकान से निकले थे। तभी बाइक से आये अपराधियों ने फायरिंग कर दी। वारदात को अंजाम देकर अपराधी बड़े आराम से फरार हो गए।

वीरेंद्र यादव का घर दुकान से कुछ दूरी पर ही स्थित है। परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। गोली चलने और हत्या की वजह से पूरे इलाके में सनसनी मची हुई है। दवा दुकानदारों के बीच काफी गुस्सा भरा हुआ है। दूसरी तरफ, वारदात की जानकारी मिलने के बाद चार थाना एयरपोर्ट, सचिवालय, कदमकुआं और शास्त्री नगर थाना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची।

अब पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। घटना के पीछे रंगदारी का मामला है। बताते चले की फरवरी महीने में भी बीरेंद्र पर अपराधियो ने फायरिंग किया था जिसमे दो युवक को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था वही घटना स्थाल से एक केटीएम बाइक बरामद किया गया था।

मृतक के परिजनों ने बताया कि इस घटना में संदीप सिंह, नीतीश सिंह, गुडडू गुंडा, धीरज, कल्लू, राहुल सामिल है इनमें से कुछ ब्रह्मस्थानी, शेखपुरा मोड़ और बॉडी बिल्डर गली के रहने वाले है। परिजनों ने बताया कि इनमें से संदीप ने विरेंद्र को धमकी दिया था कि तुम महावीर मेडिकल से अपना पार्टनरशिप खत्म कर दो। इसके अलावे ये लोग हमेसा रंगदारी भी मागा करते थे।

गौरतलब है कि मृतक बीरेंद्र के तीन बच्चे है एक बेटी निशा भारती, दो पुत्र हिमांशु और शाहिल है। तीनो बच्चे और पत्नी रिंकू देवी का रो रोकर बुरा हाल है। वही इस घटना को लेकर स्थीनिये लोगो मे तनाव व्याप्त है लोगो ने बताया कि आज अपराधियो की गिरफ्तारी को लेकर राजाबाजार में रोड जाम किया जायेगा।

वही मौके पर मौजूद लोगों और मृतक के परिजनों और आसपास के दवा दुकानदारों की मानें तो असपताल के अंदर सक्रिय रंगदार और उनके दलालों का हाथ इस वारदात के पीछे है। दरअसल, रंगदारों ने गेट नंबर 2 के बाहर की दवा दुकानों का हर एक घंटे का स्लॉट बांध रखा है। डॉक्टरों की तरफ से मरीजों को लिखे जाने वाली दवा पुर्जे दलाल वहां लेकर जाते हैं। जिस वक्त जिस दुकान का टाइम होता है, उस दौरान वहां से दवा की खरीदारी होती है।

इसके एवज में रंगदार मोटी रकम दवा दुकानदार से वसूल करते हैं। एक दुकानदार की मानें तो रंगदारी की रकम नहीं देने की वजह से ही वीरेंद्र यादव की हत्या कर दी गई। इससे पहले 26 फरवरी को अपराधियों ने गेट नम्बर 2 के बाहर फायरिंग की थी।