(आज समाचार सेवा)
पटना। कोविड महामारी की स्थिति में, जब पूरी अर्थव्यवस्था कृषि को छोडक़र ठहराव की स्थिति में आ गई थी और प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया था, नाबार्ड ने कृषि में आधार स्तरीय ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता देने में अपने पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया जिससे एमएसपी में धान की खरीद की सुविधा, ग्रामीण आधारभूत परियोजनाओं के सृजन एवं इससे आधारित रोजगार सृजन को बढ़ावा देने, पैक्स के कम्प्यूटरीकरण को बढ़ावा देने के लिए, आजीविका संबंधी कौशल विकास के लिए और वाटेरशेड तथा आदिवासी विकास परियोजनाओं में विभिन्न संवर्धनात्मक प्रयासों को बल मिला।
राज्य में वर्ष २०२०-२१ के दौरान नाबार्ड द्वारा रूपये ७१२९ करोड़ की वित्तीय विकास परियोजनाओं में विभिन्न संवर्धनात्मक प्रयासों को बल मिला। ग्रामीण आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में राज्य सरकार के समर्थन में वर्ष २०२०-२१ के दौरान राज्य सरकार को रूपये २११६ करोड़ का आरआईडीएफ ऋण संवितरण किया गया, जबकि इसी अवधि के दौरान बिहार सरकार को नई परियोजनाओं के लिए रूपये २४०० करोड़ स्वी$कृत किये गए।
कुल स्वीकृत राशि में से रूपये १००४ करोड़ की राशि को गंगा जल लिफ्ट सिंचाई परियोजना, जो कि राज्य सरकार की एक प्रतिष्ठिïत परियोजना है, के लिए मंजूरी दी गई है, जबकि रूपये १३९६ करोड़ ग्रामीण कनेक्टिविटी और सिंचाई परियोजनाओं की ओर स्वीकृत किये गए है।