पटना (आससे)। बिहार में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जेल प्रशासन भी चौकस हो चुका है। कैदियों को कोविड-19 ना हो इसको जेल लेकर काफी गंभीर नजर आ रहा है। दरअसल बिहार सरकार के गृह विभाग के सचिव और जेल आईजी मिथलेश मिश्रा ने एक अहम निर्देश जारी किया है।
जेल आईजी ने अपने इस निर्देश पत्र में किसी भी तरह के अभियुक्त या आरोपियों की गिरफ्तारी किये जाने के बाद उनकी कोरोना जांच कराना अनिवार्य कहा है। और तो और जब तक अभियुक्त का कोविड जांच रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ जाती तब तक उसे जेल के किसी भी खंड में नही डाला जाये उसे एक हॉल में रखा जाए। अगर उसकी रिपोर्ट पॉजेटिव आती है तो जेल में बने क्वारंटाइन वार्ड में रखा जाये।
स्वस्थ्य होने के बाद ही जेल के अंदर किसी खंड में शिफ्ट किया जाए। जेल प्रशासन का मानना है कि कोरोना का संक्रमण अगर किसी भी जेल में पहुंच जाता है तो जेल के अंदर कोरोना को फैलने से रोक पाना बहुत मुश्किल होगा।
गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जेल आईजी द्वारा बिहार के सभी जेल अधीक्षकों को कैदियों की इम्यूनिटी बढ़ाने हेतु नियमित रूप से काढ़ा देने का निर्देश जारी किया है। वहीं सर्दी खांसी या जुखाम के लक्षण दिखाई देने पर इसकी जानाकारी तुरंत जेल प्रशासन के आला अधिकारी को देने को कहा गया है।
जेल प्रशासन के मुताबिक सभी जेल के अधीक्षकों को जेल के अंदर कोरोना संक्रमण का विस्तार ना हो इसके इसको लेकर कारा कर्मियों के बाहर घूमने पर सख्ती के साथ रोक लगा दी गई है। अधीक्षक की अनुमति के बगैर कोई भी जेल कर्मी बाहर नहीं जाएगा, साथ ही साथ जेल के प्रवेश गेट पर सेनेटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया गया है।