पटना (आससे)। सेंटर फार एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट के तत्वावधान में वाटर टू एवरी फार्म : बिल्डिंग क्लाइमेट रेसिलिएंट एग्रीकल्चर इन बिहार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि संजय कुमार झा, जल संसाधन विकास, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के सात निश्चय-२ पहल के तहत हर खेत को पानी उपलब्ध कराना एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है और हम सभी किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे किसानों की आमदनी बढ़ाने, ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि लाने और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
हम इस तथ्ण्य से अवगत हैं कि कृषि क्षेत्र प्रकृति के कोप के रूप्में हरेक साल सुखाड़ और बाढ़ का सामना कर रहा है और हाल के वर्षों में क्लाइमेंट चेंज के कारण हम इनकी विभिषिका झेल चुके हैं। ऐसे में क्लाइमेंट चेंट के दुष्परिणामों से कृषि एवं किसानों की सुरक्षा से जुड़े सभी समाधानों का और हरेक खेत तक सिंचाई सुविधा से संबंधित उपायों का स्वागत है और इन्हें इस योजनामें शामिल किया जायेगा ताकि जन-जन तक इसके लाभों को पहुंचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि कभी अथाह जल स्रोतों के लिए विख्यात बिहार को पिछले दशक से जल संकट का सामना करना पड़ रहाहै। उत्तर और दक्षिण बिहार के २१ जिलों और गंगा के सटे इलाकों में भूजल का दोहन खतरनाक स्तर पर है जो पारंपरिक जल स्रोतों की अनदेखी एवं दुरुपयोग से गंभीर हो गया है।
कांफ्रेंस के व्यापक उद्येश्यों का समर्थन करते हुए विशिष्ट अतिथि अमरेन्द्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल जीवन हरियाली मिशन को सफलतापूर्वक चला रही है जिसके तहत हम बड़े पैमाने पर पारंपरिक जल संरचनाओं जैसे आहर, पाइन, कुओं का निर्माण एवं जीर्णोद्घार कर रहे हैं ताकि भूजल सतर में बढ़ोत्तरी करते हुए सिंचाई एवं अन्य घरेलू उद्योग के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। राज्य सरकार सिचिंत का दायरा बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है और राज्य में हरेक किसान को सिंचाई सेवाएं प्रदान करने एवं कृषि को लाभपरक और आकर्षक पेशा बनाने के लिए प्रतिबद्घ है।
कांफ्रेंस को प्रो. प्रभात पी घोष, निदेशक एशियन डवलपमेंट रिसर्च इंस्टीच्यूट आद्री ने भी संबोधित किया और तकनीकी सत्र में श्री नंद किशोर आईएफएस, डायरेक्टर हार्टिकल्चर, विवेक तेजस्वी, डिप्टी डायरेक्टर आद्री, नंद किशोर झा, चीफ इंजीनियर, प्लानिंग मॉनिटरिंग, जल संसाधन विभाग, डा. अनामिका प्रियदर्शिनी, महिला किसान, गोपाल कृष्ण पब्लिक पॉलिसी एनालिस्ट, एकलव्य प्रसाद, मेघ पाइन अभियान, धीरज कुमार, जैन अइरीगेशन, राहुल सिंह, प्रदान और अभिषेक प्रताप, एनर्जी एकसपर्ट, असर ने भागीदारी की।