पत्रकार वार्ता के दौरान दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) को परेशान करने के लिए आगामी दो-दिन में सीबीआइ अफसर मुझे भी गिरफ्तार कर सकते हैं।
दिल्ली के शिक्षा मॉडल की तारीफ की
मनीष सिसोदिया ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को अरविंद केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता से दिक्कत हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली में शिक्षा का अच्छा मॉडल तैयार किया, केंद्र सरकार को इससे परेशानी है। भारतीय जनता पार्टी के नेता दिल्ली के शिक्षा मॉडल को लेकर अनापशनाप बयान दे रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर दिल्ली के शिक्षा मॉडल की तारीफ की।
सत्येंद्र जैन के बाद अब मुझे सीबीआइ कर सकती है गिरफ्तार
उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंत्री सत्येंद्र जैन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल को परेशान करने के लिए मुझे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बता दें कि दिल्ली में नई शराब नीति में गड़बड़ी को लेकर सीबीआइ को मनीष सिसोदिया समेत कई अन्य लोगों-अफसरों पर FIR दर्ज की है।
दे देंगे जान, मगर टूटेंगे नहीं
इसके साथ ही मनीष सिसोदिया ने कहा कि एक या दो दिन में मुझे गिगरफ्तार कर लिया जाएगा। कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है, मगर हम टूटने वाले नहीे हैं। मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि हम नहीं टूटेंगे, हम जेल भी जाएंगे औैर अपनी बात अडिग रहेंगे। हम अपनी जान भी दे देंगे, मगर टूटेंगे नहीं।
केंद्र सरकार को नहीं है घोटाले से कोई मतबल, सिर्फ केजरीवाल को परेशान करना है मकसद
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दरअसल इन्हें घोटाले या घपले से कोई मतलब नहीं है, इन्हें फिक्र है कि अरविंद केजरीवाल जी को कैसे रोका जाए? इसके लिए यह सब कुछ हो रहा है। अगर शराब मुद्दा होता तो सबसे पहले गुजरात में कार्रवाई होती, जहां शराब से प्रति वर्ष 10 हजार करोड़ का कर चोरी होता है। बुंदेलखंड में बनाया गया एक्सप्रेस-वे उद्धाटन के सिर्फ पांच दिन में ही टूट गया।
कोई घोटाला नहीं हुआ
उन्होंने सीबीआइ छापे को लेकर कहा कि शुक्रवार को हमारे घर सीबीआइ की टीम आई, हमारे दिल्ली सचिवालय के कार्यालय में भी जांच की। सीबीआइ के अच्छे लोग थे, उन्होंने अच्छे से मेरे परिवार के साथ व्यवहार किया।वे ऊपर के आदेश पर आए थे। मैं दावा करता हूं कि जिस आबकारी नीति को लेकर बवाल किया जा रहा है उसमें कोई भी घोटाला नहीे है। यह नीति एक बेहतर नीति है।
तत्कालीन उपराज्यपाल को घाटे के लिए बताया जिम्मेदार
उपराज्यपाल ने 48 घंटे पहले नीति में बदलाव नहीं किया हाेता तो इस नीति से प्रति साल 10 हजार का राजस्व मिलता, मगर उपराज्यपाल ने बदलाव कर दिया, इससे समस्या खड़ी हुई है। कल मैं देख रहा था कि भाजपाई नेता मनाेज तिवारी कह रहे थे कि हजारों करोड़ का घोटाला कर दिया गया, उपराज्यपाल की ओर से कहा गया कि 144 करोड़ का घाेटाला किया गया।
शुक्रवार को जब सीबीआइ वाले आए तो उनकी एफआइआर मेें एक करोड़ घपे की बात कही गई है। उसमें न 144 करोड़ और न ही हजारों करोड़ का जिक्र था। दरअसल इन लोगों को कोई जानकारी नहीं है, कुछ भी बोल रहे हैं।