इस्लामाबादः श्रीलंका ने भारत की खातिर पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को श्रीलंका दौरे के दौरान संसद को संबोधित करने का प्रोग्राम था जिसे अब रद्द कर दिया गया है। पाकिस्तानी मीडिया श्रीलंकाई सरकार के इस कदम को भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के तौर पर देखा जा रहा है। ‘कोलंबो गैजेट’ वेबसाइट ने बुधवार को खबर दी है कि संसद के एक वरिष्ठ अधिकारी नरेंद्र फर्नान्डो ने कहा कि उन्होंने संसद को सूचित किया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा कार्यक्रम के मुताबिक होगी लेकिन खान की संसद भवन परिसर की प्रस्तावित यात्रा नहीं होगी।
खान 22 फरवरी को दो दिन की राजकीय यात्रा पर श्रीलंका आ रहे हैं। खान कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद देश की यात्रा पर आने वाले पहले राष्ट्र प्रमुख हैं। वह राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और विदेश मंत्री दिनेश गुनावर्दना के साथ वार्ता करेंगे। श्रीलंका के दैनिक ‘एक्सप्रेस’ के मुताबिक विदेश सचिव जयंत कोलंबेज ने कहा है कि संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अबयवर्दना ने कोविड-19 को लेकर खान के संबोधन को रद्द करने का आग्रह किया था। ‘डॉन’ अखबार ने श्रीलंका मीडिया में आई खबरों के हवाले से कहा कि श्रीलंकाई सरकार के भीतर ऐसे तत्व हैं, जो नहीं चाहते थे कि खान संसद को संबोधित करें। रिपोर्ट के अनुसार उन्हें डर था कि ऐसा करने से भारत के साथ संबंध खराब हो सकते हैं क्योंकि कोलंबो बंदरगाह में ‘ ईस्ट कंटेनर टर्मिनल ‘ को लेकर हुए समझौते के रद्द होने के बाद पहले ही संबंधों में तनाव है।
पाकिस्तानी अखबार ने कहा कि उम्मीद थी कि खान अपने संबोधन के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठा सकते हैं जिससे भारत नाराज हो सकता है। अगस्त 2019 में भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाना उसका ‘ अंदरूनी मामला ‘ है।