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Karnataka Election: अपनी खुद की सीट बचाने में जुटे ‘स्टार प्रचारक’, पार्टी को कैसे दिला पाएंगे जीत?


नई दिल्ली, : कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का दौर थम गया है। अब 10 मई को मतदाता उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अब देखना होगा कि मतदाता किस पार्टी पर भरोसा दिखाते हैं। भाजपा सत्ता बरकरार रख पाती है या फिर कांग्रेस सत्ता में वापसी करती है। बहरहाल, इस चुनाव में जिन स्टार प्रचारकों पर पार्टी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी थी, वे खुद के निर्वाचन क्षेत्र में  ही उलझे रह गए, जिसकी वजह से वे अन्य क्षेत्रों में प्रचार करने नहीं पहुंच पाए।

किसी भी पार्टी की नहीं दिख रही लहर

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार खत्म होने के बाद किसी भी पार्टी के पक्ष में स्पष्ट लहर नहीं दिख रही है, जिसकी वजह से उम्मीदवार अब मतदाताओं को मनाने की कोशिश में लगातार अपना पसीना बहा रहे हैं। जनता दल सेक्युलर के बेंगलुरु शहर अध्यक्ष एचएम रमेश गौड़ा ने कहा- मुट्ठी भर उम्मीदवारों को छोड़कर इस बार किसी भी उम्मीदवार के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं है।

 

भाजपा के स्टार प्रचारक

  • भाजपा के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में अरविंद लिंबावली, जिनकी पत्नी मंजुला बेंगलुरु के महादेवपुरा से चुनाव लड़ रही हैं, के अलावा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (शिगगांव), राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि (चिक्कमगलुरु), आर अशोक (पद्मनाभनगर और कनकपुर), बीश्री रामुलु (बल्लारी ग्रामीण) और गोविंद करजोला (मधोला) शामिल है।
  • इन पदाधिकारियों से राज्यभर में बड़े पैमाने पर प्रचार करने की उम्मीद की जा रही थी, क्योंकि अन्य सीटों पर भी उनका काफी प्रभाव है।
  • अशोक को कनकपुरा में काफी चुनौती मिल रही है। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार से है।
  • उनके अलावा, लिंबावली और रवि को भी सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है।
  • रवि खुद कहते हैं- यह सच है कि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में फंस गया हूं। मेरा हाल ही में गुर्दे की पथरी की सर्जरी हुई, जिसके चलते मैं यात्रा नहीं कर पा रहा हूं। मुझे यात्रा न करने की सलाह दी गई है।
  • बहरहाल, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को छोड़कर अधिकांश स्टार प्रचारकों के अभियानों का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार के अन्य मंत्रियों के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया।

कांग्रेस ने आठ उम्मीदवारों को बनाया था स्टार प्रचारक

कांग्रेस ने आठ उम्मीदवारों को स्टार प्रचारकों के रूप में नामित किया , जिसमें शिवकुमार, पूर्व सीएम सिद्दरमैया (वरुण), पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार (हुबली-धारवाड़ सेंट्रल)), पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वर (कोराटगेरे), पूर्व सांसद केएच मुनियप्पा (देवनहल्ली) , रामलिंगा रेड्डी (बीटीएम लेआउट), बीजेड जमीर अहमद खान (चामराजपेट) और रूपा शशिधर (केजीएफ) शामिल हैं।

वरुणा सीट पर प्रचार करने तक ही सीमित रह गए सिद्दरमैया

पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया से पूरे राज्य में चुनाव प्रचार की उम्मीद थी। उन्होंने प्रजाधवानी बस यात्रा के दूसरे चरण को शुरू करने की योजना भी बनाई थी। हालांकि, वह काफी हद तक वरुणा सीट तक ही सीमित रह गए, जहां उनका मुकाबला आवास मंत्री वी. सोमन्ना से है। भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए 10 चुनाव विशेषज्ञों की टीम तैनात की है। अमित शाह ने खुद यहां प्रचार किया।

‘वरुणा में जीत के लिए बड़ी रकम खर्च कर रही भाजपा’

कांग्रेस प्रदेश महासचिव बीएस शिवन्ना ने कहा कि भाजपा वरुणा में बड़ी रकम और बाहुबल का निवेश कर रही है। सिद्दरमैया वरुणा को अधिक समय दे रहे हैं, क्योंकि वह बड़े अंतर से जीतना चाहते हैं। सिद्दरमैया ने उत्तरी कर्नाटक और पुराने मैसूरु के अन्य जिलों में प्रचार किया था।

रामनगर तक ही सीमित रह गए निखिल कुमारस्वामी

जदएस के स्टार प्रचारकों में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी भी शामिल हैं। उन्होंने भी मुख्य रूप से रामनगर पर अपना फोकस किया, जहां से वे चुनाव लड़ रहे हैं।

स्टार प्रचारक कौन होते हैं?

चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, एक मान्यता प्राप्त पार्टी 40 लोगों को स्टार प्रचारक के रूप में नामित कर सकती है, जिनमें चुनाव लड़ने वाले पदाधिकारी, फिल्मी सितारे जैसे गैर-राजनेता शामिल हैं। इनका खर्च उम्मीदवार के खाते में नहीं जोड़ा जाता है। एक उम्मीदवार अधिकतम 40 लाख रुपये तक चुनाव प्रचार में खर्च कर सकता है।