गुड़गांव, । विदेश मामलों के विशेषज्ञ सुशांत सरीन ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को पाकिस्तान में नई गठबंधन सरकार चलाने के दौरान मुश्किल समय का सामना करना पड़ेगा। कार्यकाल पूरा नहीं होने की संभावना है।
सरीन ने बताया कि यह मुश्किल है कि वह कुछ महीनों के लिए स्थिरता देने में सक्षम हो सकते हैं। जिस तरह से गठबंधन एक साथ मिला है, उसके कई कारण हैं और उसका मुख्य बिंदु इमरान खान को पीएम पद से हटाना था। इसके अलावा चुनावी सुधार और इमरान खान के कार्यकाल के दौरान बनाए गए कानूनों में बदलाव भी था। विशेषज्ञ का मानना है कि एक दर्जन बहुदलीय गठबंधन और देश की आर्थिक समस्याओं के कारण शहबाज कुछ महीनों के बाद एक कार्यवाहक सरकार को सौंप सकते हैं और फिर चुनाव के लिए जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि नेशनल असेंबली का कार्यकाल अगले अगस्त तक वैध है। मुझे नहीं लगता कि वे काम करने में सक्षम होंगे क्योंकि गठबंधन में 12 पार्टियां हैं। कुल संख्या भी मामूली है। मुझे लगता है कि कुछ महीनों के बाद वे चुनाव में जाएंगे और कार्यवाहक सरकार को शासन सौंप देंगे। एक अन्य कारण पाकिस्तान की वित्तीय समस्याएं हैं, जो भयानक हैं। यदि वे कोई फैसला लेते हैं तो यह स्पष्ट है कि गठबंधन चुनाव हार जाएगा। वह छोटे राजनीतिक और प्रशासनिक फैसले लेंगे। देर रात इमरान खान की सरकार गिरने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरीन ने कहा कि पूर्व क्रिकेटर ने अविश्वास प्रस्ताव को पाकिस्तान में एक साजिश की तरह बना दिया है।