- नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा की गई तैयारियों की समीक्षा की।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ रावत ने कहा कि सशस्त्र बलों से पिछले दो साल में सेवानिवृत्त हुए सभी मेडिकल कर्मचारी अपने घरों के पास स्थित कोविड-19 केन्द्रों में काम करेंगे।कमांड, कोर, डिविजन और नौसेना तथा वायुसेना के समान मुख्यालयों में तैनात सभी मेडिकल अफसर अस्पतालों में तैनात किए जाएंगे।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि अस्पतालों में डॉक्टरों की मदद के लिए बड़ी संख्या में नर्सिंग स्टाफ को तैनात किया जा रहा है। सशस्त्र बलों के विभिन्न प्रतिष्ठानों के पास उपलब्ध ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पतालों को दिए जाएंगे। सशस्त्र बल बड़ी संख्या में मेडिकल प्रतिष्ठान तैयार कर रहे हैं, जहां भी संभव होगा, सेना की मेडिकल सुविधाएं आम लोगों को उपलब्ध करायी जाएंगी।
कोविड-19 केन्द्रों में काम करने के लिये वापस बुलाया जा रहा
देश में तेजी से बढ़ते कोविड-19 के मामलों के मद्देनजर पिछले दो साल में सेवानिवृत्त या समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेने वाले सशस्त्र बलों के सभी चिकित्साकर्मियों को उनके संबंधित निवास स्थान के आसपास कोविड-19 केन्द्रों में काम करने के लिये वापस बुलाया जा रहा है। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोमवार को मुलाकात की और उन्हें इस निर्णय की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने सशस्त्र बलों द्वारा इस महामारी से निपटने की दिशा में तैयारी और संचालन की जानकारी प्रधानमंत्री को दी।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ”रक्षा प्रमुख ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि पिछले दो वर्षों में सेवानिवृत्त या समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने वाले सशस्त्र बलों के सभी चिकित्साकर्मियों को उनके वर्तमान निवास स्थान के निकट स्थित कोविड अस्पतालों में कार्य करने के लिए वापस बुलाया जा रहा है।” बयान में कहा गया, ”और पहले सेवानिवृत्त हुए अन्य चिकित्सा अधिकारियों से भी अनुरोध किया गया है कि वह परामर्श के लिए अपनी सेवाएं चिकित्सा आपातकालीन हेल्पलाइन के माध्यम से उपलब्ध कराएं।”
चिकित्सा कर्मियों को अस्पतालों में तैनात किया जाएगा
रक्षा प्रमुख ने प्रधानमंत्री को बताया कि अस्पतालों में चिकित्स्कों के पूरक कार्यों में सहायता करने के लिए बड़ी संख्या में नर्सिंग कर्मियों को नियुक्त किया जा रहा है। रावत ने प्रधानमंत्री को इस बात की भी जानकारी दी कि सशस्त्र बलों के विभिन्न प्रतिष्ठानों में उपलब्ध ऑक्सीजन सिलिंडरों को अस्पतालों को दिया जाएगा। बयान के अनुसार मोदी को यह भी बताया गया कि कमान मुख्यालय, कोर मुख्यालय, डिविजन मुख्यालय, और नौसेना तथा वायुसेना के ऐसे ही मुख्यालय में तैनात चिकित्सा कर्मियों को अस्पतालों में तैनात किया जाएगा।
बयान में कहा गया है, ”प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को बताया है कि बड़ी संख्या में नर्सिंग कर्मियों को अस्पतालों में डॉक्टरों की मदद के लिये तैनात किया जा रहा है।” रावत ने यह भी कहा कि वे बड़ी संख्या में चिकित्सा केन्द्र बना रहे हैं और सेना के चिकित्सा ढांचे का जहां तक संभव हो सकेगा, आम लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना द्वारा भारत और विदेशों में ऑक्सीजन एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाए जा रहे अभियानों की भी समीक्षा की। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा प्रमुख के साथ इस बात पर भी चर्चा की कि केन्द्रीय एवं राज्य सैनिक कल्याण बोर्डों और विभिन्न मुख्यालयों के वरिष्ठ सैन्यकर्मी प्रकोष्ठों में तैनात अधिकारियों को सुदूर क्षेत्रों सहित अधिकतम सीमा तक पहुंच को विस्तारित करने के लिए वरिष्ठ सैन्य कर्मियों की सेवाओं के समन्वय के निर्देश दिए जा सकते हैं।
दुबई से मंगाए गए ऑक्सीजन वाहक टैंकर : गृह मंत्रालय
देश में चिकित्सीय ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के बीच ऑक्सीजन के परिवहन के लिए दुबई से दो टैंकर मंगाए गए हैं। गृह मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। इससे पहले, शनिवार को सिंगापुर से ऑक्सीजन लाने और ले जाने के लिए चार क्रायोजेनिक (कम तापमान बनाए रखने में सक्षम) टैंकर मंगाए गए थे। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘भारतीय वायु सेना का सी-17 विमान आज दुबई पहुंचा जो कोविड-19 की मौजूदा लहर में ऑक्सीजन उपलब्धतता बढ़ाने के प्रयासों के तहत ऑक्सीजन के परविहन के लिए जरूरी और खाली टैंकरों को लेकर आएगा।