चंडीगढ़। बरगाड़ी बेअदबी मामले में गठित विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने अपनी अंतिम जांच रिपाेर्ट मुख्यमंत्री भगवंत मान को सौंप दी है। एसआइटी ने रिपोर्ट में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को इसका मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना रंजिश के कारण अंजाम दी गई थी।
बता दें, फरीदकोट के गांव बरगाड़ी में अक्टूबर 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी हुई थी। इसके बाद 14 अक्टूबर, 2015 को बरगाड़ी से ही सटे गांव बहिबल कलां में बेअदबी मामले को लेकर सिख संगत के धरने को उठाने के लिए पुलिस ने सीधी फायरिंग कर दी थी। फायरिंग में दो सिख युवाओं की मौत हो गई थी।
फरीदकोट जिले के बुर्ज जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी गांवों में बेअदबी के तीन मामलों की जांच कर रही स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में सभी घटनाओं के लिए सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा को जिम्मेदार ठहराया है।
रिपोर्ट में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। गुरमीत सिंह के अलावा मामले में फरार डेरे के तीन अनुयायियों का नाम भी है। रिपोर्ट शनिवार को सार्वजनिक की गई।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मामले को आगे बढ़ाने वाले कुछ सिख नेताओं को रिपोर्ट की प्रतियां सौंपीं। सिख प्रतिनिधिमंडल में मेजर सिंह पंडोरी, चमकौर सिंह, भाई रूपा, रेशम सिंह खुखराना और बलदेव सिंह जोगेवाला शामिल थे। यह पहली बार है जब इस तरह से कोई रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देश पर आइजी बार्डर रेंज एसपीएस परमार के अगुवाई में पिछले साल 4 अप्रैल को पांच सदस्यीय एसआइटी का गठन किया गया था। एसआइटी ने इस साल 21 अप्रैल को अंतिम रिपोर्ट डीजीपी वीके भवरा और डीजीपी इंटेलिजेंस प्रबोध कुमार को मंजूरी के लिए सौंपी थी।
467 पन्नों की रिपोर्ट में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) द्वारा अपनी जांच में किए गए कई दावों का खंडन किया गया है। सीबीआइ को डेरा सच्चा सौदा के शामिल होने का कोई सुबूत नहीं मिला था और उसने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी।
इससे पहले फरीदकोट की एक अदालत में चालान के जरिए जांच रिपोर्ट भी पेश की गई थी। पहला मामला 1 जून 2015 को बुर्ज जवाहर सिंह वाला गुरुद्वारा साहिब से गुरु ग्रंथ साहिब की चोरी से संबंधित था। फिर, 25 सितंबर को, सिख धर्म, सिख उपदेशकों और गुरु ग्रंथ साहिब के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी वाले दो पोस्टर बुर्ज जवाहर सिंह वाला पीर गेट धोधा के बाहर चिपकाए गए थे।
तीसरी घटना 12 अक्टूबर को हुई थी, जब गुरु ग्रंथ साहिब के पन्ने बरगाड़ी गुरुद्वारे के बाहर और गांव की गलियों में बिखरे मिले थे। एसआइटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपित सुखजिंदर सिंह उर्फ सनी, शक्ति सिंह, बलजीत सिंह, रणदीप सिंह उर्फ नीला, रणजीत सिंह उर्फ भोला, निशान सिंह, नरिंदर शर्मा और गुरमीत राम रहीम सिंह पवित्र स्वरूपों की चोरी और फेंकने में शामिल थे।
रिपोर्ट के मुताबिक बेअदबी के पोस्टर चिपकाने की दूसरी घटना में सुखजिंदर सिंह उर्फ सनी, शक्ति सिंह, बलजीत सिंह, रणजीत सिंह उर्फ भोला और डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह शामिल थे।