पटना

बिहारशरीफ: कोरोना का जंग हार गये बिहारशरीफ के एसडीओ संजय सिंह


      • रविवार की सुबह एम्स पटना में हो गयी उनकी मौत
      • पटना के प्रमंडलीय आयुक्त तथा नालंदा डीएम ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी खो दिया

बिहारशरीफ (आससे)। कोरोना महामारी ने नालंदा का एक और होनहार तथा कर्मठ अधिकारी छीन लिया है। बिहारशरीफ के अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार सिंह की आज अहले सुबह एम्स पटना में कोरोना से मौत हो गयी। इस मनहूस खबर से जिले में मायूसी छा गयी है।

अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में संजय कुमार सिंह अपनी सेवा के दौरान कोविड के चपेट में आ गये। लगभग एक माह पूर्व कोरोना की चपेट में आये एसडीओ का प्रारंभिक इलाज होम आइसोलेशन में चला, लेकिन उनकी तबियत जब खराब हुई तो उन्हें बिहारशरीफ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां स्थिति और बिगड़ती गयी, जिसके बाद पटना स्थित जगदीश मेमोरियल हॉस्पीटल में उन्हें भर्ती कराया गया। वहां भी स्थिति सुधरने के बजाय बिगड़ती चली गयी। इसके बाद उन्हें चार दिन पूर्व एम्स पटना भर्ती किया गया। लेकिन दुखद पहलू यह रहा कि वे कोरोना की जंग हार गये।

स्व॰ संजय सिंह इसके पूर्व पूर्णिया में एलआरडीसी थे, जहां से पदोन्नति पाकर बिहारशरीफ में एसडीओ के रूप में आये थे। वे एक शांत स्वभाव के संवेदनशील अधिकारी थे। अपने कार्यों और व्यवहार के कारण कम अवधि में हीं वे लोगों के बीच प्रिय हो चुके थे। वे अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चे छोड़ गये है।

अनुमंडल पदाधिकारी संजय सिंह के निधन पर पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल ने संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है तथा पीड़ित परिवार के प्रति सहानुभूति और संवेदना जतायी है। अपने शोक संदेश में आयुक्त ने कहा है कि अनुमंडल पदाधिकारी ने कोवडि संक्रमण के दौरान कोरोना योद्धा के रूप में अत्यंत सराहनीय एवं उल्लेखनीय कार्य किया है। वे एक कर्तव्यनिष्ठ एवं व्यवहार कुशल पदाधिकारी थे।

नालंदा के जिला पदाधिकारी योगेंद्र सिंह ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने एक सच्चा अधिकारी खो दिया है। वे एक कुशल प्रशासक और संवेदनशील अधिकारी थे। संजय सिंह कोरोना जैसे महामारी को लेकर संवेदनापूर्वक काम किये, लेकिन दुखद पहलू यह रहा कि वो हमारे बीच नहीं रहे। डीएम ने अपने शोक संवेदना में कहा है कि उनके सराहनीय एवं उल्लेखनीय कार्य हमेशा याद रहेगा। एक कर्तव्यनिष्ठ एवं व्यवहार कुशल पदाधिकारी को असमय खोना अत्यंत दुखनीय है। मैं मर्माहत हूं और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।