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बिहार: केंद्र से झल्लाई JDU, कहा – हमलोग थक के हैं, अब नहीं करेंगे विशेष राज्य का दर्जा देंगे की मांग


  1. बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर सरकार चला रही जनता दल (युनाइटेड) ने बिहार को विशेष राज्य देने की मांग को छोडने की घोषणा कर इसके संकेत दे दिए हैं कि अब वह केंद्र सरकार पर विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर नहीं, बल्कि जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर घेरने की कोशिश करेगी।

जदयू के लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग काफी पुरानी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मांग को लेकर वर्ष 2010 में राज्य भर में हस्ताक्षर अभियान चलवाया। राज्य के करीब 1.25 करोड़ लोगों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा गया। 4 नवंबर, 2012 को गांधी मैदान में अधिकार रैली आयोजित कर नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को उठाया।

जदयू के नेताओं का मानना था कि बिहार को आगे बढाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा बहुत जरूरी है। इस बीच, बिहार के मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव अब कहते हैं कि ‘बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते-करते हमलोग थक चुके हैं। मांग की भी एक सीमा होती है।’ उन्होंने सोमवार को कहा कि इसके लिए कमेटी का भी गठन किया गया, इसके बावजूद कोई नतीजा नहीं निकला। ऐसे में अब कितनी बार मांग की जाए। हम तो लगातार ये मांग करते ही रहे हैं, लेकिन कितने दिन एक ही काम करें।

इधर, यह चर्चा है कि जदयू अब विशेष राज्य का दर्जा की मांग को छोडकर जातीय जनगणना की मांग को तेज करेगी। इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के करीब सभी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर चुके हैें। मुख्यमंत्री इस इस मांग को लेकर लगातार मुखर नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि विशेष राज्य के दर्जा की मांग जब केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार थी तब से की जा रही है। ऐसे में जदयू ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है।