लालू यादव (Lalu Yadav) ने ट्वीट कर कहा कि जातिगत गणना बहुसंख्यक जनता की मांग है और यह हो कर रहेगा। BJP बहुसंख्यक पिछड़ों की गणना से डरती क्यों है?
वहीं, राजद सुप्रीमो ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि जो जातीय गणना का विरोधी है, वह समता, मानवता, समानता का विरोधी और ऊंच-नीच, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन, सामाजिक और आर्थिक भेदभाव का समर्थक है। देश की जनता जातिगत गणना पर भाजपा की कुटिल चाल और चालाकी को समझ चुकी है।
तेजस्वी ने भी कहा-आज नहीं तो कल जाति गणना कराना ही है
एक दिन पहले ही इसपर बिहार के उपमुख्यमंत्री और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना जनकल्याण के लिए है, हम गरीबी, पिछड़ेपन को मिटाना चाहते हैं। यह बात स्पष्ट है और होना तय है। आज नहीं तो कल जाति गणना कराना ही है।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि हाईकोर्ट के जजमेंट को एक बार पढ़ा जाएगा कि क्या आदेश है, उसके बाद ही सरकार अगला कदम उठाएगी। इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री ने सफाई दी कि यह कास्ट बेस्ड सर्वे है यानी जाति आधारित गणना है, कास्ट सेंसस नहीं है।
भाजपा बोली-सरकार ने कोर्ट में सही ढंग से नहीं रखा पक्ष
इधर, जाति आधारित गणना पर रोक लगने के बाद भाजपा ने नीतीश सरकार को जमकर घेरा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जाति आधारित गणना पर पटना उच्च न्यायालय की रोक के लिए सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। सरकार अदालत में अपना पक्ष सही ढंग से नहीं रख पाई।
वहीं, सुशील मोदी ने भी सम्राट चौधरी की बात दोहराई और कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि जाति गणना कराने का फैसला उस एनडीए सरकार था, जिसमें भाजपा शामिल थी। अब अदालत की अंतरिम रोक के बाद जाति गणना लंबे समय तक टल सकती है।