मेंटेनेंस के लिए अलग से खोलना होगा खाता
(आज समाचार सेवा)
पटना। मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना से अर्जित होने वाली परिसंपत्तियों के रखरखाव एवं मेंटेनेंस की समस्या का सरकार ने दूर कर दिया गया है। अब तक जो एजेंसी निर्माण करती थी उसे तय समय तक मेंटेनेंस करना पड़ता था। इसके लिए फंड की कमी आड़े हाथ आ रहा था। अब सरकार ने तय कर दिया है कि जो भी परिसंपत्तित अर्जित की जायेगी उसका मेंटेनेंस प्रशासी विभाग करेगा। योजना एवं विकास विभाग ने इससे संबंधित संकल्प जारी कर दिया है।
संकल्प के अनुसार नयी व्यवस्था पंचायती राज, नगर विकास एवं आवास तथा शिक्षा विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, भवन निर्माण, पीएचइडी, राजस्व एवं भूमि सुधार, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, गृह, ग्रामीण विकास, लघु जलसंसाधन, ग्रामीण कार्य, जल संसाधन एवं अधिवक्ता संघ की परिसंपत्तियों पर लागू होगी।
ग्रामीण क्षेत्र में सामुदायिक भवन, यात्री शेड ग्रामीण हाट एवं मेला स्थलों का विकास, नदी एवं सार्वजनिक तालाबों का सौंदर्यीकरण, सोलर लाईट का अधिष्ठापन, सार्वजनिक चबूतरा का निर्माण, इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित पुस्तकालयों, सामुदायिक भवन में उपस्करों एवं पुस्तको का क्रय, ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी जमीन पर पार्क, ग्रामीण क्षेत्र के सार्वजनिक चौक चौराहों का सौंदर्यीकरण, सामुदायिक भव में चहारदीवारी एवं शौचालय का निर्माण, विद्युत शवदाह गृह का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्र की गली-नाली एवं संपर्क पथ की योजना, ग्रामीण क्षेत्र में परंपरागत पेयजल श्रोत के रुप में उपयोग किये जाने वाले सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्दार तथा ग्रामीण क्षेत्र की पुल-पुलिया निर्माण की योजनाएं हैं।
नगर विकास एवं आवास विभाग की शहरी क्षेत्रों में परंपरागत पेयजल श्रोतों के रुप में उपयोग किये जाने वाले सार्वजलिनक कुओं का जीर्णोद्घार, शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति की योजना, शहरी क्षेत्रों के सामुदायिक भवन, यात्री शेड, सार्वजनिक बस पड़ाव, शहरी क्षेत्र के नदी एवं सार्वजनिक तालाबों में घाट का निर्माण, शहरी क्षेत्र के हाट एवं मेला स्थलों का विकास, सार्वजनिक चबूतरा का निर्माण, सोलर लाईट अधिष्ठापन, सरकारी जमीन पर पार्क निर्माण तथा बने पार्क का विकास करना, स्टेडियम में जिम, खेल सामग्री, सार्वजनिक चौक चौराहों का विकास एवं सौंदर्यीकरण, सामुदायिक भवन में वहारदीवारी एवं शौचालय का निर्माण, शहरी क्षेत्र विद्युत शवदाह गृह का निर्माण गली-नाली योजना एवं संपर्क पथों की योजना, शहरी क्षेत्र में पुल-पुलिया निर्माण की योजना शामिल है।
शिक्षा विभाग के तहत सरकारी विद्यालयों तथा अनुदानित उच्च एवं इंटर विद्यालयों जिनकी भूमि राज्यपाल के नाम से निबंधित है में बेंच, डेस्क की व्यवस्था तथा साइकिल शेड का निर्माण, सरकारी विद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों तथा राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त अनुदानित, इंटर विद्यालयों एवं महाविद्यालयों, जिसकी भूमि राज्यपाल के नाम से निबंधित हैं में पुस्तकालय भवन का निर्माण फर्नीचर सहित, प्रस्तक क्रय आदि किया जाना है। राजकीय, राजकीयकृत तथा उच्च विद्यालयों तथा राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त अनुदानित उच्च एवं इंटर विद्यालयों में चहारदीवारी का निर्माण कराया जाना है।
सरकारी मदरसा जो पूर्णरुपेण सरकार के नियंत्राणाधीन है तथा राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अनुदानित मदरसों निजकी भूमि राज्यपाल के नाम निबंधित है वहां बेंच, डेस्क तथा साइकिल शेड का निर्माण, मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना से निर्मित पुस्तकालयों एवं सामुदायिक भवनों में उपस्कर एवं पुस्तक की खरीदारी, सरकार से मान्यता प्राप्त मदरसा, संस्कृत विद्यालयों में भवन निर्माण एवं छात्रावास का निर्माण, विद्यालयों में पुस्तकों को संरक्षित करने के लिए बुक सेल्फ का निर्माण, उच्च एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कमरा एवं शौचालय का निर्माण, वैसे प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय जहां कमरों एवं शौचालय का अभाव है और पूर्व से किसी मद से संबंधित कोई योजना स्वीकृत नहीं है में कमरा एवं शौचालय निर्माण की योजनाएं हैं।
ग्रामीण विकास विभाग प्रखंड सह अंचल कार्यालयों में जन सुविधायुक्त प्रतीक्षालय निर्माण, लघु जल संसाधन विभाग छिलका, फॉल एवं चेक डैम का निर्माण, ग्रामीण कार्य पुल-पुलिया निर्माण की योजना, जल संसाधन विभाग पुल-पुलिया निर्माण की योजना, नहर, पईन आदि पर, अधिवक्ता संघ वकालतखाने का निर्माण करा सकती है।
गृह विभाग अग्निशामक गाड़ी, बोरिंग तथा हाइड्रेंट का निपर्माण करा सकती है। स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पताल हेतु रोगी वाहन, शव वाहन की खरीदारी कर सकती है। खाद्य आपूर्ति विभाग गोदाम का निर्माण करा सकती है।