पंजाब, केरल शीर्ष पर,परफारमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स की रिपोर्ट
नयी दिल्ली (एजेंसी)। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए उठाए गए कदमों का असर अब साफ दिखने लगा है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से स्कूली शिक्षा में होने वाले बदलावों को लेकर जारी परफारमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स से यह बात सामने आई है। बिहार,उत्तर प्रदेश सहित ज्यादातर राज्यों ने अपने पिछले प्रदर्शन में सुधार किया है। बिहार ने भी अपने प्रदर्शन में करीब दस फीसद सुधार किया है। स्कूलों से जुड़ी इस रिपोर्ट में पंजाब, चंडीगढ़, तमिलनाडु, केरल व अंडमान-निकोबार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शीर्ष पर रहे हैं। यहां स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से बदलाव देखा गया है।
पीजीआइ में शिक्षा की गुणवत्ता, इंफ्रास्ट्रक्चर, पुस्तकालय, छात्र-शिक्षक अनुपात शामिल हैं। स्कूली शिक्षा में होने वाले बदलावों का अध्ययन करने के लिए शिक्षा मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का हर साल परफारमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआइ) तैयार किया जा रहा है। इस कड़ी में मंत्रालय ने रविवार को वर्ष 2019-20 का इंडेक्स जारी किया है। जो मंत्रालय की ओर से जारी की गई स्कूलों के प्रदर्शन से जुड़ी तीसरी रिपोर्ट है। इससे पूर्व 2017-18 से जुड़ी पीजीआइ रिपोर्ट 2019 में जारी की गई थी। यह इंडेक्स सभी राज्यों में स्कूली शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों का 70 मानकों पर अध्ययन के बाद तैयार किया जाता है। जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता, इंफ्रास्ट्रक्चर, पुस्तकालय, छात्र-शिक्षक अनुपात आदि शामिल हैं।
स्कूली शिक्षा से जुड़ी वर्ष 2019-20 की पीजीआइ रिपोर्ट में स्कूली शिक्षा में प्रदर्शन के आधार पर राज्यों की दस कैटेगरी बनाई गई हैं। इसकी पहली कैटेगरी में फिलहाल कोई राज्य नहीं आ सका है। इंडेक्स की दूसरी कैटेगरी में पंजाब, चंडीगढ़, केरल, तमिलनाडु और अंडमान-निकोबार शामिल हैं। पंजाब और अंडमान-निकोबार ने अपने पिछले प्रदर्शन में करीब 20 फीसद से ज्यादा सुधार कर यह जगह बनाई है।
तीसरी कैटेगरी में गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, पुडुचेरी और दादर और नगर हवेली शामिल हैं। चौथी कैटेगरी में आंध्र प्रदेश, बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, त्रिपुरा, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश और दमन व दीव शामिल हैं। पांचवी कैटेगरी में गोवा, उत्तराखंड, झारखंड, मणिपुर, सिक्किम, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य हैं। छठी कैटेगरी में असम, बिहार, मध्य प्रदेश और मिजोरम हैं। सातवीं कैटेगरी में छत्तीसगढ़, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं। आठवीं कैटेगरी में मेघालय शामिल है।
खासबात यह है कि इस दौरान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को छोड़ दें, तो सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पिछले साल यानी वर्ष 2018-19 की पीजीआइ के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। उत्तर प्रदेश ने अपने पिछले प्रदर्शन में करीब बीस फीसद का सुधार किया है।