बंगाल के बीरभूम जिले में भयावह हिंसा के कारण विपक्ष के निशाने पर आई तृणमूल कांग्रेस के नेता इस घटना से कितना चिंतित हैं, इसका पता इस दल के सांसदों की गृहमंत्री अमित शाह से की गई उस मुलाकात से चलता है, जिसमें उन्होंने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाने की मांग की। क्या यह विचित्र नहीं कि जब उन्हें बंगाल की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए था, तब उन्होंने राज्यपाल पर निशाना साधना बेहतर समझा? राज्यपाल को हटाने की मांग पहली बार नहीं की गई।
राज्यपाल बंगाल की बदहाल कानून एवं व्यवस्था और खासकर वहां राजनीतिक हिंसा की न थमने वाली घटनाओं पर जब भी कुछ कहते हैं, तृणमूल कांग्रेस के नेता उन पर हमलावर हो जाते हैं। कई बार तो खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उन्हें खरी-खोटी सुना चुकी हैं। वह उन्हें सार्वजनिक तौर पर अपमानित भी कर चुकी हैं। इसके साथ ही वह जब-तब संघीय ढांचे की बात भी करती रहती हैं।