१०० किमी दूर से करेगा टारगेट तबाह
नयी दिल्ली (आससे.)। भारत की सुरक्षा में एक और चार चांद लगा है। ओडिशा के तट पर हॉक-आई एयरक्राफ्ट से स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन का सफल परीक्षण किया गया। यह हथियार 100 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के बंकर या टारगेट को नेस्तानाबूत कर सकता है। हॉक-आई एयरक्राफ्ट को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बना रहा है। यह विमान आमतौर पर टेस्ट पायलट्स की ट्रेनिंग के लिए होता है लेकिन इसका उपयोग भविष्य में हमले के लिए भी किया जा सकता है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एच ए एल जे)े के हॉक-आई एयरक्राफ्ट को रिटायर्ड विंग कमांडर पी. अवस्थी और रिटायर्ड विंग कमांडर एम पटेल उड़ा रहे थे। उन्होंने स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन को दुश्मन के ठिकाने पर दागा। जो एकदम तय समय में सटीकता के साथ टारगेट पर लगा। एचएएल ने अपने बयान में कहा है कि स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन ने तय मानकों को पूरा करते हुए टारगेट को नष्ट कर दिया। इस हथियार को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ)ने बनाया है। यह पहला स्मार्ट हथियार है जिसे स्वदेशी हॉक-आईएमके132 से फायर किया गया। स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन 125 किलोग्राम का ग्लाइडिंग बम है। यह बेहद अत्याधुनिक, सटीक और घातक है। यह आसमान में उड़ रहे लड़ाकू विमान से दागा जा सकता है। यह 100 किलोमीटर दूर से दुश्मन के बंकर, राडार, टैक्सी ट्रैक्स, रनवे आदि पर घातक हमला कर सकता है। स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन को इससे पहले जगुआर लड़ाकू विमान से भी दागा गया था। वह परीक्षण भी सफल रहा था।
इस ग्लाइडिंग बम को बनाने की अनुमति साल 2013 में मिली थी. मई 2016 में इसका पहला परीक्षण किया गया था। उसके बाद साल 2017, 2018 और सितंबर 2020 में भी इसका सफल टेस्ट किया जा चुका है।