नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील इलाके से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शनिवार को सुबह 10 बजे से भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर की 10 वें दौर की वार्ता होगी। सैन्य सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। यह बातचीत मोल्डो बॉर्डर प्वाइंट पर आयोजित होगी, जो चीन के नियंत्रण में है। बताया गया है कि पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों से पीछे हटने के बाद दोनों पक्षों के बीच अन्य जगहों से भी पीछे हटने की प्रक्रिया पर बातचीत होगी, जहां गतिरोध की स्थिति बरकरार है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने पिछले सप्ताह कहा था कि सैन्य और राजनयिक स्तर पर निरंतर वार्ता के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीनी सेना के बीच टकराव खत्म करने को लेकर सहमति बनी।
बता दें कि बीते दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया था कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने को लेकर समझौता हो गया है। इसके तहत दोनों पक्ष अग्रिम मोर्चे पर तैनात अपने सैनिकों को चरणबद्ध तरीके वापस हटाएंगे। उन्होंने कहा था कि चीन के साथ वार्ता के दौरान भारत की रणनीति और दृष्टिकोण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर आधारित है। हम अपने क्षेत्र का एक इंच हिस्सा भी किसी को लेने नहीं देंगे। यह हमारे दृढ़ संकल्प का परिणाम है कि हम एक समझौते की स्थिति में पहुंच गए हैं।
बता दें कि पैंगोंग इलाके में सैन्य टकराव खत्म करने के लिए हुए समझौते के अनुसार दोनों देशों के सैनिकों के अपने-अपने अग्रिम मोर्चे से पीछे लौटेने और अप्रैल, 2020 के पहले की स्थिति सुनिश्चित करेने पर सहमति बनी थी। पैंगोंग झील इलाके में सैन्य गतिरोध खत्म करने को लेकर हुए समझौते के तहत चीनी सेना पैंगोंग झील के करीब फिंगर आठ से पूरब की ओर अपनी पुरानी जगह पर रहेगी। वहीं भारतीय सेना फिंगर-तीन के पास धान सिंह थापा पोस्ट के स्थायी बेस पर रहेगी। मई 2020 में चीनी सैनिकों द्वारा सीमा के उल्लंघन के बाद भारत ने अक्रामक रुख अपना लिया था और हजारों सैनिक तैनात कर दिए थे। इससे तनाव और गहरा गया था।
इससे पहले दोनों देशों के बीच मई 2020 से जारी तनाव के बीच 23 जनवरी को दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की वार्ता हुई थी। दोनों देशों ने इसे सकारात्मक बताया था। साथ ही कहा था कि इससे गतिरोध को लेकर आपसी समझ बढ़ी है। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच सैनिकों की वापसी को लेकर बेहद स्पष्टता से चर्चा हुई थी। इसी का नतीजा था कि दोनों पक्षों के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील इलाके से पीछे हटने को लेकर सहमति बनी। जून में गलवन घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी।