पुणे। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर भड़की चिंगारी अब पुणे तक पहुंच गई है। मराठा आरक्षण को लेकर प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों ने पुणे-बेंगलुरु राजमार्ग को जाम कर दिया।
इस दौरान उन्होंने पुणे के नवले पुल के पास पुणे-बेंगलुरु राजमार्ग पर टायर जलाए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बता दें कि मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों के प्रदर्शन से पुणे-बेंगलुरु राजमार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लग गई, जिससे राजमार्ग पर आवाजाही प्रभावित हुई।
मनोज जारांगे से सीएम एकनाथ शिंदे ने की फोन पर बात
इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे से फोन पर बात की। उन्होंने कैबिनेट बैठक में मराठा आरक्षण पर ठोस फैसले का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री शिंदे के साथ संतोषजनक बातचीत के बाद जारांगे ने अपने विरोध के दौरान पानी पीना शुरू कर दिया है।
CMO ने क्या कहा?
सीएमओ के बयान में कहा गया है कि सीएम शिंदे ने मंगलवार सुबह जारांगे को फोन किया और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री शिंदे ने जारांगे को आश्वासन दिया कि मंत्रिमंडल की बैठक में मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के बारे में ठोस निर्णय लेंगे।
क्या है मनोज जारांगे की मांग?
बता दें कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जारांगे बीते 25 अक्टूबर से जालना जिले के गांव में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उल्लेखनीय है कि मराठा समुदाय के लोग अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
हिंसक हुआ मराठा आरक्षण
इसी सिलसिले में सोमवार को भी महाराष्ट्र के कई जिलों में प्रदर्शन हुआ था। हालांकि, इस दौरान कुछ आंदोलनकारियों ने इस प्रदर्शन को हिंसा का रूप दे दिया। उन्होंने बीड में स्थित NCP विधायक प्रकाश सोलंके के घर में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी थी।