मुंबई, : एक तरफ जहां कोरोना महमारी का प्रकोप लगभग थम सा गया मालूम हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर त्योहारी सीजन में इस वायरस के नए वैरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है। महामारी की पहली लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित रहा महाराष्ट्र एक बार फिर कहीं इसकी चपेट में ना आ जाए। यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को बताया है कि पिछले अक्टूबर महीने के पहले 15 दिनों में ओमिक्रोन के नए वैरिएंट के 18 मामले राज्य में सामने आ चुके हैं। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इनमें से 13 मामले पुणे से, दो-दो मामले नागपुर और ठाणे से तथा एक मामला अकोला जिले से सामने आया। उन्होंने कहा, ‘‘आईएनएसएसीओजी लैब की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में अक्टूबर के पहले पखवाड़े में एक्सबीबी स्वरूप के 18 मामले दर्ज किए गए हैं।’’
इन मामलों के अलावा पुणे में बीक्यू.1 और बी.ए.2.3.20 उप स्वरूपों के एक-एक मामला भी दर्ज किया गया है। ये मामले 24 सितंबर से 11 अक्टूबर के बीच आए।
प्रारंभिक सूचना के अनुसार, सभी मामलों में हल्के लक्षण देखे गए। इन 20 मामलों (एक्सबीबी के 18 और बीक्यू.1 और बीए.2.3.20 का एक-एक मामला) में से 15 मामलों में मरीजों ने कोविड-19 रोधी टीके की खुराक ली है जबकि बाकी के पांच मामलों की जानकारी अभी नहीं मिली है। पुणे में आया बीक्यू.1 स्वरूप के मामले में मरीज ने अमेरिका की यात्रा की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘आनुवंशिक उत्परिवर्तन वायरस के प्राकृतिक जीवन चक्र का हिस्सा हैं और इसे लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है बल्कि कोविड की रोकथाम के लिए उचित एहतियात बरतनी चाहिए।’’
बता दें कि कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट के नए और अत्यधिक संक्रामक सब वैरिएंट के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। कोरोना के हालात, टीकाकरण की स्थिति और नए वैरिएंट के उभरने से वैश्विक स्तर पर बदलते हालात की समीक्षा करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी जिसमें यह निर्णय लिया गया कि देश में मास्क पहनना और कोरोना-उपयुक्त व्यवहार जारी रहेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया था कि विज्ञानियों, डाक्टरों और वरिष्ठ अधिकारियों ने निगरानी और जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाने की भी सिफारिश की है।