मास्को(हि.स.)। अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ चल रहे तनाव के बीच रूस अपनी महाविनाशक नई मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है। करीब 10 हजार किलोमीटर तक मार करने में सक्षम यह रूसी मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इस मिसाइल की विध्वंसक क्षमता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता कि इसके एक ही वार से पूरे फ्रांस को तबाह किया जा सकता है। इस अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल का नाम आरएस-18 सरमत है। नाटो देश इस किलर मिसाइल को सटान-2 के नाम से बुलाते हैं। आरएस-18 मिसाइल अपने साथ एक विशाल थर्मोन्यूक्लियर बम या 16 छोटे परमाणु बम एक साथ ले जा सकती है। यही नहीं रूस की सुरक्षाबल चाहें तो थर्मोन्यूक्लियर बम के साथ छोटे परमाणु बम भी फिट करके इस मिसाइल को दाग सकते हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अपनी जोरदार क्षमता के कारण यह मिसाइल दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर सकती है। यह मिसाइल 100 टन वजनी है और करीब 10 हजार किमी तक मार कर सकती है। इसके एक वार से पूरा फ्रांस राख में तब्दील हो सकता है। इस मिसाइल के बारे में खास बात यह है कि इसका एक-एक वॉरहेड अलग-अलग लक्ष्य को तबाह कर सकता है। आरएस-18 मिसाइल सोवियत डिजाइन पर आधारित एसएस-18 की जगह लेगी। एसएस-18 दुनिया की सबसे भारी अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल है। रूस ऐसे समय पर इस मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है जब रूस के रक्षामंत्री ने देश के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बताया है कि दिसंबर महीने में नई हाइपरसोनिक मिसाइल कई टेस्ट के बाद ऑपरेशनल हो गई है। रूस सरमत मिसाइल का कई बार परीक्षण रद कर चुका है और अब रूसी अधिकारी दावा कर रहे हैं कि यह मिसाइल वर्ष 2022 तक रूस के स्ट्रेटजिक मिसाइल फोर्स में शामिल होने जा रही है। रूस के उपरक्षा मंत्री अलेक्सी क्रिवोरुचको ने सेना के अखबार को बताया कि आरएस-18 मिसाइल का कभी भी परीक्षण हो सकता है। उन्?होंने कहा, मैं यह बताना चाहूंगा कि सरमत मिसाइल के अलग होने का टेस्ट पूरा हो गया है और यह सफल रहा है। निकट भविष्य में अब हम मिसाइल का फ्लाइट टेस्ट करेंगे। रूस के उप रक्षामंत्री ने कहा कि सरमत मिसाइल इतनी जोरदार है कि कोई भी मिसाइल डिफेंस हथियार, चाहे वह कितना ही आधुनिक क्यों न हो, इसका रास्ता नहीं रोक सकता है। तास न्यूज एजेंसी के मुताबिक रूस के रक्षामंत्री सर्गेई शोइगू ने कहा कि उनका मंत्रालय सरमत मिसाइल के परीक्षण के लिए साइबेरिया में एक परीक्षण स्थल बनाने जा रहा है। इससे पहले रूस के स्ट्रेटजिक मिसाइल फोर्सेस के कमांडर सर्गेई कराकयेव ने दिसंबर में कहा था कि सरमत मिसाइल वर्ष 2022 में जंग के लिए तैयार हो जाएगी।
इससे पहले इस मिसाइल को वर्ष 2020 में सेवा में आना था। गत वर्ष दिसंबर महीने में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इस बात की पुष्टि की थी कि यह मिसाइल बनकर तैयार होने की कगार पर है। रूस की सरमत मिसाइल एक साथ 24 एवनगार्ड हाइपरसोनिक ग्लाइड वीइकल को ले जा सकती है। सरमत मिसाइल उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव दोनों ही रास्तों से हमला करने में सक्षम है।
इससे पहले रूस के रक्षा मंत्री ने पुतिन को बताया था कि एवनगार्ड हाइपरसोनिक ग्लाइड वीइकल से लैस पहली हाइपरसोनिक मिसाइल यूनिट जंग के लिए तैयार हो गई है। पुतिन ने मार्च 2018 में एवनगार्ड मिसाइल को दुनिया के सामने पेश किया था। उन्होंने कहा था कि एवनगार्ड मिसाइल इतनी तेज है कि यह दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को बेकार कर देती है। पुतिन ने एवनगार्ड मिसाइल की सफलता की तुलना वर्ष 1957 में छोड़े गए रूस के पहले उपग्रह से की थी। एवनगार्ड मिसाइल ध्वनि की 27 गुना ज्यादा रफ्तार से हमला करती है। यह प्रतिघंटे 7 हजार मील की यात्रा कर सकती है।