- लखनऊ. उत्तर प्रदेश में मानसून (Monsoon) के दस्तक देते ही जहां एक तरफ अच्छी बारिश के आंकलन ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है, वहीं दूसरी तरफ संभावित बाढ़ के खतरे को भांपते हुए सरकार और संवेदनशील जिले चौकन्ने हो गये हैं. पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने संभावित बाढ़ वाले जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रैसिंग के जरिये समीक्षा की थी. जिसके बाद नदियों के उतार-चढ़ाव पर नजर रखने के सख्त निर्देश दिये गए हैं.
एक तरफ प्रदेश में कोरोना की रफ्तार थमी तो वहीं मानसून के साथ ही बाढ़ के खतरे ने लोगों को सकते में डाल दिया है. उत्तर प्रदेश ने मानसून की बारिश के साथ गंगा, यमुना, घाघरा, राप्ति और गंडक जैसी नदियां, जो हर साल हजारों हेक्टेयर जमीन को खुद में समेट लेती है, नदियों पर विशेष नजर रखी जा रही है. सीएम योगी ने बाढ़ को लेकर बुलाई गयी समीक्षा बैठक में अधिकारियों को 15 जून के बाद बाढ़ को लेकर सभी जिलों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं.
सीएम योगी ने संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सभी कंट्रोल रूम को क्रियाशील करने के साथ टेक्निकल टीम को भी पल-पल नजर रखने के निर्देश दिये हैं. हालांकि आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में अलग-अलग विभागों के टीम वर्क समन्वय स्थापित करने के कारण धन हानि और पशु हानि की घटनाएं बहुत कम ही आयी है. लेकिन बावजूद इसके मौसम वैज्ञानिकों का आंकलन सरकार के लिए ज्यादा अलर्ट मोड पर रहने की वजह बताया जा रहा है. जिसमें उत्तर प्रदेश में मानसून की स्थिति ठीक रहने के कारण अच्छी बारिश के संभावना है.