मोरबी, । गुजरात के मोरबी जिले में मच्छू नदी पर केबल पुल गिरने के मामले में सोमवार को 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रविवार को हुए केबल ब्रिज हादसे में अब तक 134 लोगों की मौत हो चुकी है। राजकोट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि घटना के संबंध में हमने अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि घटना से संबंधित अन्य लोगों की तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि जैसे ही सबूत मिलते हैं, अन्य लोगों की गिरफ्तारी होगी।
मैनेजर, क्लर्क सहित 9 लोग गिरफ्तार
राजकोट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अशोक यादव ने कहा कि हमने IPC की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में ओरेवा कंपनी के मैनेजर और टिकट क्लर्क शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस मामले में ओरेवा कंपनी के दो मैनेजर, दो टिकट क्लर्क, दो कान्ट्रैक्टर और तीन सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया है।
घटना की जांच के लिए SIT गठित
अशोक कुमार ने कहा कि घटना से संबंधित हमें जैसे ही और सबूत मिलेंगे हम आरोपी को गिरफ्तार करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच करने के लिए हमने एक स्पेशल जांच दल (SIT) का गठन किया है। उन्होंने कहा कि घटना की आगे जांच जारी है।
पुल के रखरखाव करने वाली एजेंसी के खिलाफ मामला दर्ज
बता दें कि इस पुल के रखरखाव और संचालन का काम देखने वाली एजेंसियों के खिलाफ खिलाफ सख्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो रविवार को गिर गया था। पुलिस ने केबल पुल के रखरखाव और संचालन का काम देखने वाली एजेंसियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने कहा कि एजेंसी के खिलाफ IPC की धारा 304 और 308 के तहत एजेंसी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पिछले आठ महीने से उपयोग में नहीं था पुल
जानकारी के अनुसार, ‘बी’ डिवीजन के पुलिस निरीक्षक प्रकाश देकीवाडिया द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि मोरबी शहर में मच्छू नदी पर बना पुल लगभग आठ महीने से उपयोग में नहीं था, क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने इसके रखरखाव के लिए एक ‘निजी एजेंसी’ को काम सौंपा था।
एजेंसी को 2037 तक मिला था पुल का संचालन कार्य
अहमदाबाद रियासत काल में बना मोरबी का झूलता केबल पुल नगरपालिका मोरबी की संपत्ति है, लेकिन नगरपालिका ने ओरेवा समूह की अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड से हुए एक समझौते के तहत सात मार्च, 2022 को यह पुल करीब 15 वर्ष के लिए कंपनी के सुपुर्द कर दिया था। कंपनी को इसकी मरम्मत कराकर मार्च, 2037 तक इसका संचालन व प्रबंधन करना था।
पुल की सुरक्षा, सफाई, स्टाफ की नियुक्ति, टिकट बुकिंग, खर्च का हिसाब-किताब कंपनी को ही करना था। समझौते के बाद सरकार, नगरपालिका, महानगरपालिका, सरकारी अथवा गैर-सरकारी किसी एजेंसी का इसमें कोई हस्तेक्षप नहीं रह गया था।