गोरखपुर, । केंद्रीय भूतल, सड़क, जलमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी छह जनवरी को मखौड़ा धाम में चौरासी कोसी परिक्रमा का शिलान्यास करेंगे। उनके कार्यक्रम को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैैं। केंद्रीय मंत्री दिन में एक बजे चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग का शिलान्यास करने के साथ कई योजनाओं का लोकार्पण कर जनसभा को भी संबोधित करेंगे। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री सांसद हरीश द्विवेदी ने बताया कि केंद्रीय मंत्री गडकरी चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग का शिलान्यास करेंगे। बता दें, अयोध्या के चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग का शुरूआत मखौड़ा धाम से होती है। परिक्रमा मार्ग के पहले चार पड़ाव बस्ती जिले में पड़ते हैैं। इनमें मखौड़ा धाम, रामरेखा, हनुमान बाग चकोही और शेरवा घाट हैैं। केंद्र सरकार ने जुलाई 2021 में परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया था। अब परिक्रमा मार्ग को फोरलेन किया जाएगा।
सैकडो गांवों को जोड़ेगा परिक्रमा मार्ग, विकास व पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
मखौड़ा धाम से शुरू होने वाली चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग के राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को तो लाभ मिलेगा ही साथ ही अन्य के जीवन में भी व्यापक बदलाव होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने से इसके किनारे के गांवों के लोगों को हर लिहाज से काफी सहूलियत होगी। सरकार की इस घोषणा के चलते श्रद्धालुओं में खुशी की लहर है। इस मार्ग के बनने से इस पूरे क्षेत्र के विकास और पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। मार्ग से जुड़े बाजारों व गांवों के लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ने के साथ रोजगार का अवसर भी मिलेगा।
सैकड़ों गांव जुड़ेंगे मार्ग से
चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग से विक्रमजोत, परशुरामपुर व दुबौलिया ब्लाक के करीब 65 किलोमीटर के सैकड़ों गांवों के लोग को सीधे जुड़ेंगे। 252 किलोमीटर लंबी यह सड़क करीब साढे छ हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी। यह सड़क तीन मंडलों के पांच जिलों से होकर यह गुजरती है। यही नहीं बस्ती में यह मार्ग मखौड़ा, बेरता, कोहराएं, रजवापुर, केनौना, रामगढ़ होते हुए विक्रमजोत के नल्हियापुर गांव के पास राष्ट्रीय राजामार्ग 28 से होकर रामरेखा मंदिर अमोढ़ा, रामजानकी मार्ग, दुबौलिया, विशेषरगंज, हनुमान बाग चकोही होकर अयोध्या जनपद के श्रृंगिऋषि आश्रम पहुंचती है। जिसकी लंबाई करीब 65 किमी है। 84 कोसी परिक्रमा वापसी के समय जिले की सीमा हैदराबाद सिकंदरपुर, रायपुर, तथागता के रास्ते पुन: मखौड़ा धाम पहुंच कर परिक्रमा का समापन होता है।