लखनऊ(एजेंसी)। शहरों में बड़े प्रतिष्ठानों यानी होटल, रेटोरेंट व मैरिज हॉल चलाने वाले अब सड़कों पर इधर-उधर कूड़ा नहीं फेंक पाएंगे। बड़े प्रतिष्ठानों यानी 5000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल में बने प्रतिष्ठानों से रोजाना 50 किलो से अधिक कूड़ा निकलने पर उन्हें स्वयं इसके निस्तारण की व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए उन्हें जरूरत के आधार पर कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट भी लगाना होगा। शहरों में कूड़ा सबसे बड़ी समस्या है। इसके निस्तारण को लेकर समस्या आ रही है। खासकर बड़े प्रतिष्ठानों से निकलने वाला कूड़ा जी का जंजाल बना हुआ है। ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियमावली में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था दी गई है। इसके बाद भी इसका निस्तारण ठीक से नहीं किया जा रहा है। इसीलिए नगर विकास विभाग इस नियमावली को कड़ाई से लागू करने जा रहा है। उसका मानना है कि 5000 वर्ग मीटर से अधिक दायरे में बने प्रतिष्ठान और संस्थान अगर स्वयं कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था करें तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा। इसीलिए 5000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज लॉन या फिर बड़े अस्पताल और नर्सिंगहोम मालिकों को स्वयं कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था करनी होगी। निजी स्कूल-कॉलेजों, आवासीय कल्याण समितियों, उद्योगों और अन्य बड़े संस्थानों को भी अपने कूड़े का खुद ही निस्तारण करना होगा। उन्हें अपने परिसर में बायो कंपोस्ट यूनिट स्थापित करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियमावली के तहत कार्रवाई की जाएगी।